
लखनऊ
सपा नेता आजम खां पर आयकर विभाग के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का भी शिकंजा कस सकता है। आयकर विभाग को आजम और उनके करीबियों के घरों पर हुई छापेमारी के दौरान कई वित्तीय अनियमितताओं का पता लगा था। इसकी पूरी रिपोर्ट आयकर विभाग ने ईडी को भेज दी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि जौहर यूनिवर्सिटी में करोड़ों रुपये की काली कमाई लगाई गई थी। इतना ही नहीं कई ऐसी कंपनियों ने भी यूनिवर्सिटी को करोड़ों रुपये का दान दिया था, जो अस्तित्व में ही नहीं हैं। आयकर विभाग ने जब पूछताछ की तो कई लोगों ने चंदा देने की बात से इनकार कर दिया।
रामपुर के विधायक आकाश सक्सेना ने आजम खां की शिकायत की थी। वह पिछले सात साल से इस मामले की पैरवी कर रहे थे। हाल ही में 13 सितंबर को आयकर विभाग ने आजम के 30 ठिकानों पर छापेमारी की थी। रामपुर, लखनऊ, गाजियाबाद, मेरठ आदि जिलों में हुई यह छापेमारी तीन दिन तक चली थी। जबकि, 20 अक्टूबर को केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की टीम ने जौहर यूनिवर्सिटी में डेरा डाल लिया और इमारतों की वास्तविक कीमत का आकलन किया था।
ये बातें भी रिपोर्ट में शामिल
सूत्रों के मुताबिक जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि आजम ने जौहर यूनिवर्सिटी में बनी दो इमारतों के निर्माण की ही मंजूरी ली थी, जबकि यूनिवर्सिटी में 59 इमारतों का निर्माण किया गया। वहीं, आजम अपनी यूनिवर्सिटी की कीमत 46 करोड़ रुपये बताते हैं, जबकि इन इमारतों की वास्तविक कीमत 494 करोड़ रुपये है। इस तरह 450 करोड़ रुपये का निवेश छुपाया गया। 88 करोड़ रुपये जल निगम, लोक निर्माण विभाग जैसी सरकारी विभागों के लगे हुए हैं, जिनसे अलग-अलग योजना के तहत काम करवाए गए हैं।
फेमा और PMLA के तहत दर्ज हो सकता है केस
आयकर विभाग की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ईडी पीएमएलए (प्रीवेंशंस ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) व फेमा के तहत केस दर्ज कर सकती है। क्योंकि, जिस गैरकानूनी तरीके से पैसे का ट्रांजैक्शन हुआ है, वह इसके दायरे में आता है। इसके अलावा विदेशी मुद्रा के लेनदेन की भी जानकारी सामने आई है।
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