इंदौर | इंदौर में बिगड़ते ट्रैफिक हालात को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने बीआरटीएस हटाने में हो रही देरी पर कड़ा रुख अपनाया है. सोमवार को हुई सुनवाई में अदालत ने नगर निगम और जिला कलेक्टर को फटकार लगाते हुए आदेश दिया कि बीआरटीएस की एक साइड की रेलिंग को 15 दिनों के भीतर हटाकर स्टेटस रिपोर्ट पेश की जाए. अदालत ने बताया कि पूरे बीआरटीएस मार्ग को तीन महीने में हटाना होगा |
कोर्ट ने बनाई पांच वकीलों की समिति
सुनवाई के दौरान इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा और नगर निगम आयुक्त दिलीप कुमार यादव मौजूद थे. अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि कार्य के लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है. अदालत ने ट्रैफिक सुधार कार्यों की निगरानी के लिए पांच वकीलों की एक समिति भी गठित की है, जिसे प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं |
यचिका में ट्रैफिक दबाव समेत कई मुद्दें
याचिकाकर्ता के वकील ने रात 10 बजे के बाद डीजे बजने, सड़कों पर बढ़ते अतिक्रमण, धार्मिक चबूतरों से यातायात बाधित होने और शाम के समय ट्रैफिक दबाव बढ़ने पर पर्याप्त पुलिस तैनाती न होने जैसे मुद्दे भी उठाए. अदालत ने इन सब पर पहले दिए गए आदेशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा है. हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई 16 दिसंबर तय करते हुए कलेक्टर, निगम आयुक्त और डीसीपी ट्रैफिक को फिर से उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं |

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