December 2, 2025

केंद्र सरकार ने लॉन्च किया CSIC 1.0, साइबर सुरक्षा होगा और मजबूत

नई दिल्लीः इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, भारत के साइबर सिक्योरिटी इकोसिस्टम को मजबूत करने की एक ऐतिहासिक पहल के रूप में इंफोर्मेशन सिक्योरिटी एजुकेशन एंड अवेयरनेस (आईएसईए) प्रोजेक्ट के तहत साइबर सिक्योरिटी इनोवेशन चैलेंज ( सीएसआईसी ) 1.0 लॉन्च किया गया है। एमईआईटीवाई के सचिव एस कृष्णन ने कॉन्सेप्ट वीडियो, वेबसाइट और रजिस्ट्रेशन पोर्टल और CSIC 1.0 की रूल बुक को पेश किया।

टेक्नोलॉजिकल क्षमताओं को मजबूत करने की बात की
एस कृष्णन ने दो-आयामी राष्ट्रीय साइबर सिक्योरिटी रणनीति की आवश्यकता पर बल देते हुए उभरते खतरों के बारे में जागरूकता और टेक्नोलॉजिकल क्षमताओं को मजबूत करने की बात की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि CSIC 1.0 दोनों अनिवार्यताओं को संबोधित करता है। यह पहल छात्रों को वास्तविक दुनिया की साइबर सिक्योरिटी चुनौतियों से अवगत करवाती है। यह न केवल स्किल्ड प्रोफेशनल्स का निर्माण करती है और साइबर सिक्योरिटी को एक व्यवहार्य करियर पथ के रूप में स्थापित करती है, बल्कि होमग्रोन, प्रोडक्ट-ऑरिएंटेड सॉल्यूशन को भी कैटैलाइज करती है, जो भारत की साइबर सिक्योरिटी को मबूत करते हैं।

हमारी बेहतर समझ को करती है उजागर
डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के CEO विनायक गोडसे ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अपनी तरह की यह अनूठी पहल छात्रों और रिसर्चरों को शुरुआती दौर से ही इनोवेशन करने और उद्यमशीलता की मानसिकता विकसित करने में सक्षम बनाती है। IIT मद्रास के डायरेक्टर प्रो वी कामकोटि ने बताया कि ISEA प्रोजेक्ट के अंतर्गत इनोवेशन चुनौती, मुख्य चुनौतियों की हमारी बेहतर समझ को उजागर करती है। हमें परिवर्तनकारी समाधान तैयार करने की स्थिति में लाती है।

इनोवेशन को दिया बढ़ावा
सीईआरटी-इन के जनरल डायरेक्टर डॉ. संजय बहल ने इनोवेशन को बढ़ावा देने में आईएसईए की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। बहल ने कहा कि इनोवेशन चैलेंज आरएंडडी, एजुकेशन फील्ड और इंडस्ट्री को एकजुट करने वाला एक महत्वपूर्ण मंच तैयार करता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि साइबर सिक्योरिटी में 'आत्मनिर्भरता' का निर्माण पहले से कहीं अधिक आवश्यक हो गया है, क्योंकि देश का डिजिटल परिवर्तन हमारे अपने संस्थानों से इनोवेशन की मांग करता है।