
ज्यूरिख
वैश्विक फुटबॉल निकाय फीफा ने बड़ा खुलासा किया है. उसने ज्यूरिख में जारी एक रिपोर्ट में कहा है कि महिला विश्व कप फुटबॉल में पुरुष विश्व कप की तुलना में ऑनलाइन अभद्रता के 29 प्रतिशत अधिक मामले सामने आए. फीफा और वैश्विक खिलाड़ियों के संघ फिफप्रो के अनुसार, ‘महिला विश्व कप में हर पांच में से एक खिलाड़ी को धमकी भरे, पक्षपातपूर्ण और अभद्र संदेश भेजे गए.’
ऑनलाइन अभद्रता…
उन्होंने फीफा की सोशल मीडिया प्रोटेक्शन सर्विस (SMPS) के आंकड़े जारी किए. एसएमपीएस का काम खिलाड़ियों, टीमों और अधिकारियों का ऑनलाइन अभद्रता और नफरत फैलाने वाली सामग्री से बचाव करना है. एसएमपीएस. ने कहा कि करीब 50 प्रतिशत अभद्र मैसेज समलैंगिकता के संबंध में घृणा और लैंगिक पक्षपात से भरे थे.
फीफा ने कहा कि दो खिलाड़ियों को सबसे ज्यादा निशाना बनाया गया. इन खिलाड़ियों की पहचान उजागर नहीं की गई है. उनमें से एक खिलाड़ी संयुक्त राज्य अमेरिका और एक अर्जेंटीना से है.
अपमानजनक टिप्पणियां
कोलंबियाई खिलाड़ी लेसी सांतोस ने कहा, 'हारने के अलावा अगर कोई एक चीज है जिससे फुटबॉल खिलाड़ी सबसे ज्यादा पीड़ित होते हैं, तो वह सभी अपमानजनक टिप्पणियां- ताने, अपमान हैं.'
इस बीच फीफा अध्यक्ष जियानी इन्फेंटिनो ने खिलाड़ियों के दुर्व्यवहार से निपटने की लड़ाई में कोई कमी नहीं करने की कसम खाई है. इन्फेंटिनो ने एक बयान में कहा, 'सोशल मीडिया पर उन लोगों के लिए कोई जगह नहीं हो सकती जो किसी के साथ दुर्व्यवहार करते हैं या धमकी देते हैं, चाहे वह फीफा टूर्नामेंट में हो या कहीं और.'
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