मंदसौर में किसानों की परेशानी एक बार फिर खुलकर सामने आई है। मंदसौर प्याज प्रदर्शन सोमवार (24 नवंबर) को धमनार गांव में तब सुर्खियों में आया जब किसानों ने प्याज के बेहद कम दामों के विरोध में एक अनोखा तरीका अपनाया। मंडियों में प्याज की कीमत 1 से 2 रुपये प्रति किलो पहुंच जाने से नाराज किसानों ने प्याज की अर्थी सजाकर उसकी अंतिम यात्रा निकाली, जिससे ग्रामीणों और राहगीरों का ध्यान इस मुद्दे पर गया।
अंतिम यात्रा में बैंड-बाजों के साथ “रघुपति राघव राजा राम, प्याज के दाम दो भगवान” गीत बजाया गया। किसानों ने भगवान से भी उचित भाव दिलाने की गुहार लगाई। श्मशान भूमि पर प्याज की अर्थी को मुखाग्नि दी गई और इसके बाद किसानों ने धुंधड़का तहसीलदार रोहित सिंह राजपूत को राष्ट्रपति व राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। इस अनोखे प्रदर्शन ने किसानों की बेबसी और बढ़ती आर्थिक समस्याओं को एक बार फिर उजागर कर दिया।
किसानों का कहना है कि पिछले साल नवंबर में जहां प्याज 25 से 30 रुपये प्रति किलो बिक रही थी, वहीं इस वर्ष कीमतें गिरकर सिर्फ 1–2 रुपये रह गई हैं। हालात इतने खराब हैं कि कई किसान फसल पर रोटावेटर चलाने को मजबूर हैं, ताकि वे समय पर अगली फसल की बुवाई कर सकें। उनकी मेहनत, लागत और समय—सब व्यर्थ जा रहे हैं।
इस मंदसौर प्याज प्रदर्शन के जरिए किसानों ने सरकार से प्याज का समर्थन मूल्य तय करने और निर्यात तुरंत शुरू करने की मांग की है। किसानों का कहना है कि उचित दाम मिल जाएँ तो उनकी आर्थिक स्थिति सुधर सकती है और उन्हें फसल बर्बाद करने की नौबत नहीं आएगी।

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