
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने नए आपराधिक कानूनों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने इन कानूनों को लागू करने को कट एंड पेस्ट एक्सरसाइज बताया। चिदंबरम ने कहा कि तीन नये आपराधिक कानूनों को लागू करना व्यर्थ का काम है। इनसे न्यायाधीशों, वकीलों और पुलिस के बीच न्याय प्रशासन में केवल भ्रम की स्थिति पैदा हुई है।
पी चिदंबरम ने यह बयान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा नए आपराधिक कानूनों के एक साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में इन्हें स्वतंत्र भारत में सबसे बड़ा सुधार करार दिए जाने पर दिया है। बीते दिन, राजधानी दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि नए आपराधिक कानूनों से न्यायिक प्रक्रिया न केवल सस्ती और सुलभ होगी, बल्कि सरल, समयबद्ध और पारदर्शी भी होगी।
चिदंबरम ने आपराधिक कानूनों को लेकर कसा तंज
सरकार पर निशाना साधते हुए चिदंबरम ने कहा कि सरकार ने बार-बार दावा किया है कि तीन आपराधिक कानून विधेयक, जो अब अधिनियम बन चुके हैं, आजादी के बाद के सबसे बड़े सुधार हैं, लेकिन यह सच से बहुत दूर है। उन्होंने कहा कि मैंने तीनों विधेयकों की जांच करने वाली संसदीय स्थायी समिति को अपना असहमति नोट भेजा था। इतना ही नहीं यह संसद में पेश की गई रिपोर्ट में भी शामिल है। अपने असहमति नोट में आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धाराओं की तुलना संबंधित नए विधेयक से करने के बाद, मैंने कहा था कि यह केवल कट-पेस्ट एक्सरसाइज है। नए विधेयक में आईपीसी का 90-95 प्रतिशत, सीआरपीसी का 95 प्रतिशत और साक्ष्य अधिनियम का 99 प्रतिशत हिस्सा काट-छांट कर शामिल किया गया है।
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