
अशोकनगर: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर बेंगलुरु ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के लिए अशोकनगर पहुंचे थे. वहीं आम सभा को संबोधित करते हुए जनता के बीच उन्होंने स्वयं को जनता का कोटवार बताया. उन्होंने कहा कि आपकी हर मांग के लिए मैं हर मंत्रालय के दरवाजे पर कोटवार की तरह खड़ा रहूंगा.
4 साल की मांग अब हुई पूरी
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया गुरुवार को ग्वालियर-बेंगलुरु ट्रेन से अशोकनगर पहुंचे. स्टेशन पर ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इसके बाद मंच से आमसभा को संबोधित किया. सिंधिया ने कहा कि "बेंगलुरु ट्रेन की मांग पिछले 4 साल से रेल मंत्री से कर रहे थे. हर कैबिनेट मीटिंग के बाद पूछते थे कि ट्रेन कब शुरू होगी. आखिरकार सुनवाई हुई और ग्वालियर से बेंगलुरु ट्रेन शुरू हो गई."
20 सालों से ला रहा हूं ट्रेनों की सौगात
सिंधिया ने कहा, "पिछले 20 वर्षों से ट्रेनों की सौगात ला रहे हैं. पहली बार जब अशोकनगर स्टेशन आए थे, तब यहां सन्नाटा रहता था. ट्रेन की आवाज तक नहीं सुनाई देती थी. इसके बाद ग्वालियर-इंदौर, ग्वालियर-भोपाल, बीना-गुना सटल ट्रेन शुरू करवाई. इस लाइन का विद्युतीकरण भी करवाया. हाल ही में बीना-गुना सटल को रुठियाई तक बढ़ाया गया. इससे इंदौर और कोटा जाने वालों को सुविधा मिली. उदयपुर की ट्रेन भी शुरू करवाई."
सिंधिया हुए चोटिल, दर्द से करहाते आए नजर
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इस बार ट्रेन की जनरल क्लास की बोगी में यात्रियों के साथ अशोनगर तक सफर किया. इस दौरान ट्रेन में भारी उमस थी. अशोकनगर में पहुंचे के बाद सिंधिया ने स्टेशन पर समर्थकों से मिले. इस दौरान उनको मधुमक्खी ने काट लिया, जिससे समर्थकों में हड़कंप की स्थिति बन गई. तत्काल डॉक्टर को मौके पर बुलाया गया और उनका उपचार किया गया. जिसके बाद उनके समर्थकों ने चैन की सांस ली. इस दौरान वे मंच पर उंगुली पकड़कर बैठे रहे और उनके चहरे पर दर्द साफ साफ दिखाई दे रहा था.
मंच से सिंधिया ने गुनगुनाया गाना
कार्यक्रम में शामिल जनता को संबोधित करने के बाद सिंधिया ने मंच से गाना भी गाया. "सुहाना सफर और ये मौसम हसीं, हमें डर है कि हम खो न जाएं कहीं." जनता से भी इस गाने को दोहराने की अपील की. जनता ने उनका साथ दिया. सिंधिया ने कहा कि "रात 10:30 बजे अपने घर लौटे हैं, परिवार के बीच आए हैं. सभी को धन्यवाद और बधाई दी." आगे उन्होंने कहा, "आज खाली हाथ नहीं आया हूं, 22 बोगी वाली ट्रेन लेकर आया हूं. यह मांग अशोकनगर, गुना और शिवपुरी की थी. अब इन जिलों को दक्षिण भारत से जोड़ा जा रहा है."
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