
भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मंत्रियों की शपथ हुए 15 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक उन्हें जिलों का प्रभार नहीं दिया गया है। सभी मंत्रियों को अब इसका इंतजार है कि उन्हें जल्द से जल्द जिलों का प्रभार मिल जाए। इस कवायद में मंत्री भोपाल से लेकर दिल्ली तक सक्रिय हैं। हालांकि यह माना जा रहा है कि 26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस से पहले मंत्रियों को जिलों का प्रभार दिया जा सकता है। सीएम डॉ. यादव की कैबिनेट में दो उपमुख्यमंत्री सहित 28 मंत्री हैं। प्रदेश में जिलों की संख्या अब 55 हो चुकी है। ऐसे में अधिकांश मंत्रियों को दो-दो जिलों का प्रभार मिलने की संभावना है।
ताकतवर मंत्रियों को कमजोर जिलों की जिम्मेदारी
ऐसा माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में जिन जिलों में भाजपा की स्थिति बेहतर नहीं रही,उन जिलों का प्रभार प्रदेश के ताकतवर और प्रभावी मंत्रियों को दिया जाएगा। इसमें छिंदवाड़ा के साथ ही हरदा जिलों में भाजपा विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी, जबकि कुछ ऐसे भी जिले हैं जहां पर भाजपा संगठन को कांग्रेस के मुकाबले में ज्यादा सफलता नहीं मिली थी। ऐसे सभी जिलों में कद्दावर मंत्रियों को प्रभार दिया जा सकता है। ऐसी भी चर्चा है कि कुछ मंत्रियों को उनके गृह जिले का प्रभार दिया जा सकता है। यह भी माना जा रहा है कि जिलों का प्रभार देने से पहले मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों से भी एक बार इस संबंध में चर्चा कर उनसे उनकी पसंद के जिले की जानकारी ले सकते हैं।
गणतंत्र दिवस पर जाएंगे जिलों में
गणतंत्र दिवस पर मंत्रियों को जिलों के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भेजा जाएगा। आमतौर पर जो मंत्री जिस जिले के प्रभारी होते हैं, वे उसी जिले में जाकर राष्टÑीय ध्वज फहराते हैं। इसलिए यह भी माना जा रहा है कि गणतंत्र दिवस से पहले मंत्रियों को जिलों का प्रभार सौंपा जा सकता है।
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