राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक आज से दिल्ली में शुरू

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक 4 जुलाई से शुरू होकर 6 जुलाई तक चलेगी. इसका आयोजन दिल्ली स्थित केशव कुंज में किया जाएगा. बैठक में मुख्य रूप से संगठन से जुड़े विभिन्न विषयों पर मंथन होगा. आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि यह बैठक कोई निर्णय लेने के लिए नहीं होती, बल्कि इसमें प्रांतों में हुए कार्यों की प्रगति और अनुभवों पर चर्चा की जाती है. इसके अलावा विभिन्न विभागों के कामकाज की समीक्षा भी की जाती है. बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले समेत सभी सह सरकार्यवाह, कार्य विभाग प्रमुख और संघ से जुड़े 32 संगठनों के अखिल भारतीय संगठन मंत्री शामिल होंगे.

सुनील आंबेकर ने बताया कि मार्च के बाद देशभर में अब तक करीब 100 प्रशिक्षण वर्ग आयोजित किए गए हैं. इनमें 40 साल से कम उम्र के स्वयंसेवकों के लिए 75 और 40 से 60 साल की उम्र वालों के लिए 25 वर्ग आयोजित हुए. इन वर्गों में सेवा विभाग समेत कई कार्यों का प्रशिक्षण दिया गया. स्वयंसेवक आपदा के समय सेवा कार्य में भी सक्रिय रहते हैं. हाल ही में पुरी की रथ यात्रा और अहमदाबाद विमान हादसे में भी उन्होंने सेवा दी.

संघ के शताब्दी वर्ष की तैयारियों पर होगा मंथन

आंबेकर ने बताया कि बैठक में संघ के शताब्दी वर्ष की तैयारियां मुख्य विषय होंगी. सभी प्रांतों ने अपनी-अपनी योजनाएं तैयार की हैं, जिन पर बैठक में चर्चा होगी. शताब्दी वर्ष का उद्घाटन 2 अक्टूबर को नागपुर में विजयादशमी उत्सव के साथ होगा, जिसमें सरसंघचालक शामिल रहेंगे. इसके बाद पूरे एक वर्ष तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इस अवसर पर देशभर में शाखा, मंडल और बस्तियों के स्तर पर उत्सव होंगे.

उन्होंने बताया कि एक विशेष अभियान के तहत स्वयंसेवक घर-घर जाकर संपर्क अभियान चलाएंगे. इस दौरान संघ का साहित्य वितरित कर समाज के लोगों से संवाद करेंगे. साथ ही नगर और खंड स्तर पर सामाजिक सद्भाव बैठकें आयोजित होंगी, जिनमें समाज के विभिन्न वर्गों के प्रमुख लोग एकत्र होकर समरसता और सामाजिक कुरीतियों पर चर्चा करेंगे.

जिला स्तर पर भविष्य के भारत को लेकर संवाद होगा

सुनील आंबेकर ने बताया कि जिला स्तर पर प्रमुख नागरिक गोष्ठियों में हिंदुत्व, राष्ट्रहित और भविष्य के भारत को लेकर संवाद होगा. युवाओं को जोड़ने के लिए भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. शताब्दी वर्ष के दौरान सरसंघचालक के प्रवास की योजना पर भी बैठक में चर्चा होगी. इसके अलावा, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु में सरसंघचालक के साथ समाज के प्रमुख लोगों के विशेष संवाद कार्यक्रम होंगे.

सुनील आंबेकर ने बताया कि समाज में संघ को लेकर उत्सुकता बढ़ी है और बड़ी संख्या में युवा संघ से जुड़ना चाहते हैं. इस साल आयोजित प्रशिक्षण वर्गों में युवाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही है. अप्रैल से जून के बीच ज्वाइन आरएसएस अभियान के तहत 28,571 लोगों ने ऑनलाइन पंजीकरण करवाया है.

उन्होंने बताया कि शताब्दी वर्ष के मौके पर संघ ने ‘पंच परिवर्तन’ का विचार समाज के सामने रखा है. इसके तहत सामाजिक समरसता बढ़ाना, पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली अपनाना, राष्ट्रीय गौरव और स्वाभिमान को मजबूत करना, परिवार में संस्कारों को बढ़ाना और नागरिक कर्तव्यों के प्रति जागरूकता फैलाना शामिल है.