Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ की परंपरा को पूर्ण रूप से समाप्त कर दिया है. अब प्रदेश में मंत्री, पुलिस अधिकारियों या अन्य सरकारी पदाधिकारियों को गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया जाएगा.
छत्तीसगढ़ में ऑफ ऑनर देने की परंपरा खत्म
गृहमंत्री विजय शर्मा की विशेष पहल पर गृह विभाग ने गार्ड ऑफ ऑनर की औपनिवेशिक काल से चली आ रही परंपरा की समीक्षा करने के उपरांत इसमें संशोधन का आदेश जारी किया है. इसका उद्देश्य पुलिस बल की कार्यक्षमता का उपयोग कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने और औपनिवेशिक सोच से जुड़ी परंपराओं को समाप्त करना है.
अब केवल यहां होगी सलामी
हालांकि, सलामी व्यवस्था को केवल राष्ट्रीय और राजकीय आयोजनों तक सीमित रखा गया है. इस फैसले से न केवल सरकारी खर्च कम होगा, बल्कि पदों के प्रति सम्मान की भावना को भी मजबूत माना जा रहा है.
‘सादगीपूर्ण प्रशासन’ का प्रतीक – CM साय
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे ‘सादगीपूर्ण प्रशासन’ का प्रतीक बताया. उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कैबिनेट मीटिंग में इस प्रस्ताव को मंजूरी दिलाई. उन्होंने कहा, “गार्ड ऑफ ऑनर का दुरुपयोग हो रहा था. यह परंपरा अब केवल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या राष्ट्रीय समारोहों तक सीमित रहेगी. इससे हमारा प्रशासन जनकेंद्रित बनेगा.”

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