मध्य प्रदेश : के कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह इन दिनों अपने RSS वाले बयान को लेकर चर्चा में हैं, लेकिन राजनीतिक गलियारों में अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या उनकी यह सक्रियता राज्यसभा सीट को लेकर बेचैनी का संकेत है। दिग्विजय का मौजूदा कार्यकाल अगले साल जून में खत्म होने वाला है और प्रदेश कांग्रेस के पास राज्यसभा के लिए केवल एक सीट उपलब्ध है।
दोबारा राज्यसभा की जिम्मेदारी पर राय
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि दिग्विजय सिंह का बयान “दो बार से ज्यादा राज्यसभा की जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए” उनकी स्थिति को दर्शाता है। उन्होंने दो बार राज्यसभा का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इसके अलावा केंद्र नेतृत्व, विशेषकर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से उनकी नाराजगी भी चर्चा का विषय बनी हुई है। गोवा प्रभारी के रूप में हार के बाद उन्हें सोनिया गांधी और हाल ही में राहुल गांधी की नाराजगी का सामना करना पड़ा।
संभावित उम्मीदवारों की सूची
प्रदेश कांग्रेस की नजर राज्यसभा के लिए एक मजबूत चेहरे पर है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ हमेशा से प्राथमिक विकल्प रहे हैं। इसके अलावा मीनाक्षी नटराजन, जो राहुल गांधी की करीबी और मंदसौर से पूर्व सांसद रह चुकी हैं, का नाम भी चर्चा में है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के नाम पर भी विचार किया जा रहा है, जो 2028 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर एक मजबूत रणनीति हो सकती है।
राजनीतिक रणनीति और भविष्य
राज्यसभा की सीट को लेकर उठ रहे बगावती सुर और उम्मीदवारों की लंबी सूची में दिग्विजय सिंह की सक्रियता, कांग्रेस के भीतर संतुलन और आगामी चुनावों की रणनीति दोनों को प्रभावित कर रही है। ऐसे में मध्य प्रदेश की राजनीति में अगले कुछ महीनों में कई नई चर्चाएँ और फैसले सामने आ सकते हैं।

More Stories
मनरेगा में बदलाव के खिलाफ दिग्विजय सिंह का बड़ा ऐलान, शिवराज के जिले से पदयात्रा
जीतू पटवारी के ‘वनवास’ बयान पर सियासत तेज, पीसीसी चीफ ने दी सफाई
Indore में न्यू ईयर 2025: धूमधाम से जश्न, पुलिस और आबकारी विभाग सतर्क