
इंदौर.
आर्थिक संकट से जूझ रहा इंदौर नगर निगम अब शहर की बदहाल सड़कों और मास्टर प्लान की अधूरी सड़कों का काम पूरा करने के लिए केंद्र से मदद लेगा। निगम ने केंद्र को पत्र लिखकर 700 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद मांगी है। पत्र में इंदौर नगर निगम ने कहा है कि शहर के विकास के लिए इन सड़कों का निर्माण पूरा करना जरूरी है लेकिन मास्टर प्लान में स्वीकृत इन 28 सड़कों के निर्माण के लिए निगम के पास आर्थिक संसाधन नहीं हैं। निगम को मदद नहीं की गई तो इन सड़कों का निर्माण अधूरा रह जाएगा।
ये हैं मास्टर प्लान की सड़कें जिनका काम अभी शुरू ही नहीं हुआ
- एमआर 11 के चौधरी का ढाबा से बायपास होटल शेरेटन तक का हिस्सा
- एयरपोर्ट रोड से छोटा बांगड़दा
- वीर सावरकर प्रतिमा से अटल गेट एमआइजी थाना तक
- एमआर 10 राजश्री गार्डन से होटल वाव तक
- एमआर 09 से एलआईजी (लिंक रोड)
- एडवांस अकादमी से रिंग रोड, निपानिया और निपानिया से बायपास होते हुए
- बड़ा बांगड़दा से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनी मल्टी तक
- सांवेर रोड पेट्रोल पंप से शिवकांत नगर तक
- होटल प्राइड से सिटी फारेस्ट तक
- एमआर 10 को एमआर 12 से जोड़ने वाली सड़क
- मूसाखेड़ी चौराहा से सांवरिया धाम मंदिर
- जमजम चौराहा से स्टार चौराहा तक
- भागीरथपुरा मेन रोड
- जीपीओ चौराहा से सरवटे बस स्टैंड तक (श्रद्धानंद मार्ग)
- जिंसी चौराहा से लक्ष्मीबाई प्रतिमा तक
- नेहरू प्रतिमा (मधुमिलन चौराहा) से छावनी ब्रिज तक
- खजराना मंदिर गेट से जमजम चौराहा तक
- गुटकेश्वर महादेव मंदिर किला मैदान रोड से सदर बाजार (जूना रिसाला होते हुए)
- सुभाष मार्ग से इंदौर वायर फैक्ट्री तक (कंडीलपुरा होते हुए)
- नेमीनाथ चौराहा से जिंसी चौराहा तक
- गोल मंदिर (सुभाष मार्ग) से रामबाग ब्रिज तक
- मच्छी बाजार चौराहा से चंद्रभागा ब्रिज तक
नगर निगम ने इन सड़कों के अलावा कुछ अधूरी सड़कों की सूची भी केंद्र को दी है जिनका अधूरा काम पूरा करने के लिए निगम को पैसों की आवश्यकता है।
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