झालावाड़ | राजस्थान के झालावाड़ में दिव्यांग पेंशन योजना के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. यहां कई गांवों में कागजों में फर्जीवाड़ा कर हजारों लोग दिव्यांग पेंशन का लाभ भी उठा रहे हैं. हालांकि, यह पूरा मामला जिला प्रशासन के पास पहुंचा है. इस फर्जीवाड़े के बाद कई ई-मित्र संचालक और बिचौलिए विभाग के रडार पर आ गए हैं |
विभागीय जांच में सामने आया कि झालावाड़ की दो ग्राम पंचायतों में ही 1228 फर्जी दिव्यांग पेंशन ले रहे हैं, जिससे हर महीने करीब 15 लाख रुपए सरकारी पैसे के भुगतान हो रहा है. मनोहरथाना पंचायत समिति क्षेत्र में कुल 13,694 लोगों को दिव्यांग पेंशन दी जा रही है. इतनी बड़ी संख्या राजस्थान में अपने आप में अनोखी है और सवाल खड़े करती है कि आखिर इतने दिव्यांग यहां कैसे हो सकते हैं |
खाताखेड़ी में 982 लोग दिव्यांग पेंशन ले रहे
सबसे चौंकाने वाला मामला खाताखेड़ी ग्राम पंचायत का है. लगभग 5500 की आबादी वाले इस पंचायत क्षेत्र में 982 लोग दिव्यांग पेंशन पा रहे हैं, जबकि मेडिकल बोर्ड से सिर्फ 70 प्रमाण पत्र ही जारी हुए हैं. यानी पंचायत की कुल आबादी का 18% हिस्सा कागजों में दिव्यांग है. इसी क्षेत्र के महज 800 की आबादी वाले मदनपुरा गांव में 31% आबादी यानी 247 लोग दिव्यांग हैं |
आंवलहेड़ा ग्राम पंचायत की स्थिति भी अलग नहीं है. यहां वास्तविक दिव्यांगों की संख्या 59 है, लेकिन 375 लोग पेंशन ले रहे हैं, जिनमें से 316 प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं. यह स्पष्ट संकेत है कि ई-मित्र केंद्रों के माध्यम से बिना जांच, बिना प्रक्रिया और बिना अस्पताल जाए, फर्जी दस्तावेज बनाकर लाभ उठाया जा रहा है. झालावाड़ कलेक्टर अजय सिंह राठौर के निर्देश पर जांच तेज हो गई है |
क्या बोले एसपी?
एसपी अमित कुमार ने बताया कि ऑपरेशन शटर डाउन के दौरान भी ऐसे मामले सामने आए थे. जिला प्रशासन के साथ मिलकर एक संगठित गिरोह की पहचान की जा रही है. जल्द ही सभी आऱोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे |

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