
गरियाबंद जिले के अमलीपदर थाने में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। यहां महिला समूहों को लोन दिलाने के नाम पर 32 महिलाओं से कुल 21.92 लाख रुपए की ठगी हो गई। पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
दरअसल, पीपलखुंटा गांव में रहने वाली पुष्पांजली मांझी ने बुधवार को अमलीपदर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उनसे बताया कि कुछ लोग उसके घर आए और कहा कि महिला समूहों को फाइनेंस कंपनी से लोन दिलवा सकते हैं। इन्होंने भारत फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी और अभिकर्ता बनकर फॉर्म भरवाया। पुष्पांजलि के अंगूठे का बायोमेट्रिक लिया गया। फिर उनके नाम से लोन मंजूर करवा लिया। लोन पास होते ही आरोपियों झटकांती मांझी और उनके पति प्रेम सिंह मांझी ने पैसे निकलवाए। खुद रख लिए।
यही तरीका बाकी 31 महिलाओं के साथ भी अपनाया गया। सभी को झूठे वादों और भरोसे में लेकर लोन के पैसे निकलवाए गए। जांच में पाया गया कि आरोपियों ने वाकई धोखाधड़ी की है। इसी आधार पर बीएनएस की धारा 318 (4), 3 (5) और 316 (5) के तहत मामला दर्ज करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इनमें पीपलखुंटा के प्रेम सिंह मांझी (54), झटकांती मांझी (48) और धुरवागुड़ी का लक्ष्मण सिंह ध्रुव उर्फ राकेश (38) शामिल हैं। तीनों को तुरंत न्यायलय पेश कर न्यायिक रिमांड पर जेल भी भेज दिया गया है।
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