December 2, 2025

दिव्यांग की झोपड़ी में लगी आग, कोयला बना मिला शव, क्या दोस्त ही है कातिल?

सहारनपुर | उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के बाज़ारना गांव में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां गांव के ही एक दिव्यांग युवक की झोपड़ी में जिंदा जलकर मौत हो गई. आग की लपटें इतनी तेज थीं कि कुछ ही मिनटों में पूरी झोपड़ी राख में बदल गई. झोपड़ी के पास खड़ी मोटरसाइकिल भी पूरी तरह जलकर खाक हो गई |  

घटना की जानकारी रात में ही ग्रामीणों के माध्यम से मृतक के परिजनों तक पहुंची. परिजन जब मौके पर पहुंचे तो जले शव को देखकर परिजन दहशत में आ गए. शव झोपड़ी में मौजूद एक तख्त पर जले हुए हाल में मिला. हड्डियां कोयला बन चुकी थीं. उन्होंने तत्काल पुलिस को बुलाया, जिसके बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. फॉरेंसिक टीम ने भी मौके पर पहुंचकर घटनास्थल की गहन जांच की और महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित किए |

मृतक के भाई ने लगाए गंभीर आरोप

मृतक के भाई मोहम्मद मुज़म्मिल ने बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि उनके दिव्यांग भाई तारिख की पहले गला दबाकर हत्या की गई और सबूत छिपाने के लिए बाद में झोपड़ी में आग लगा दी गई. उन्होंने दावा किया कि गांव के पूर्व प्रधान ने उन्हें रात में वारदात की सूचना दी थी, लेकिन जब वे पहुंचे तो सब कुछ जल चुका था |

परिवार का आरोप है कि तारीख के साथ रहने वाला उसका दोस्त ही इस घटना का मुख्य आरोपी है. उसने ही आग लगाई है. घटना के बाद से वह व्यक्ति फरार है, जिससे परिवार की शंका और गहरी हो गई है.उधर, सहारनपुर के एसपी देहात सागर जैन ने बताया कि 30 नवंबर की रात लगभग 10:30 बजे ग्राम प्रधान की सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची थी. फील्ड यूनिट ने वहां से कई साक्ष्य जुटाए और प्रारंभिक जांच के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. परिजनों की तहरीर के आधार पर एक व्यक्ति के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है तथा पुलिस उसकी तलाश में दबिश दे रही है |

क्या बोले एसपी?

एसपी देहात ने कहा कि मामले की जांच कई बिंदुओं पर की जा रही है. पुलिस यह पता लगाने की कोशिश में है कि यह वाकई हत्या का मामला है या किसी अन्य कारण से लगी आग को जालसाजी के तहत हत्या का रूप देने की कोशिश की गई है. उन्होंने बताया कि फॉरेंसिक रिपोर्ट और पोस्टमार्टम की डिटेल्स आने के बाद स्थिति और स्पष्ट होगी | गांव में इस दर्दनाक घटना को लेकर गहरा आक्रोश और भय का माहौल है. ग्रामीणों का कहना है कि दिव्यांग तारीख बेहद शांत स्वभाव का व्यक्ति था और किसी से उसकी दुश्मनी नहीं थी. ऐसे में उसकी मौत कई सवाल खड़े करती है, जिनका जवाब अब पुलिस जांच पर निर्भर है |