
कोरबा: कोरबा की लोकसभा सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को एक पत्र लिखकर हसदेव बांगो जलाशय में मछली पालन से जुड़े टेंडर को तत्काल निरस्त करने की मांग की है. सांसद ने कहा है कि टेंडर कार्य वन अधिकार अधिनियम, 2006 का उल्लंघन है और इससे स्थानीय मछुवारों के अधिकारों का हनन हो रहा है. पत्र में बताया गया है कि हसदेव बांगो जलाशय, जो कि औसतन 11,500 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है, वनभूमि पर स्थित है. इसके बावजूद 10 वर्षों के लिए मछली पालन, मत्स्याखेट और मत्स्य विक्रय के लिए टेंडर जारी किया गया है, जिसकी वार्षिक लीज राशि करीब 10.68 लाख रुपये निर्धारित की गई है.
वन भूमि पर टेंडर देना गैरकानूनी
सांसद महंत ने कहा कि वन भूमि पर बने जलाशयों में मत्स्य पालन का अधिकार वनवासी समुदायों को है, और यह अधिकार उन्हें वन अधिकार अधिनियम की धारा 3 व 4 के तहत 31 दिसंबर 2007 से ही प्राप्त है. ऐसे में किसी भी निजी संस्था को इस पर ठेका देना पूरी तरह गैरकानूनी और वन अधिकार अधिनियम के खिलाफ है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि मछली पालन विभाग की नीतियां वनभूमि पर लागू नहीं हो सकतीं क्योंकि यहां विशेष अधिनियम लागू है. इसलिए सरकार से आग्रह किया जा रहा है कि टेंडर प्रक्रिया तुरंत रद्द कर, हसदेव बांगो जलाशय पर मछुवारों को निर्बाध रूप से उनका परंपरागत अधिकार दिया जाए.
More Stories
नक्सलवाद को लेकर गरमाई राजनीति: चंद्राकर और बैज के तीखे बयानों से बढ़ा सियासी पारा
सावधान! बारिश में बिजली लाइनों और ट्रांसफार्मर से बचें: सुरक्षा के लिए अपनाएं ये आसान उपाय
रेलवे नौकरी के नाम पर ठगी: बाप-बेटे ने लूटे लाखों, तीन लोग हुए शिकार