देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से शुभ फल प्राप्त होता है। ज्योतिषी पंडित कल्कि राम के अनुसार इस दिन अगर विशेष मंत्रों का जाप किया जाए तो न केवल सभी पापों का नाश होता है बल्कि जीवन में धन, सुख और सौभाग्य की वृद्धि भी होती है.
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी कहा जाता है. यह वही पावन तिथि है जब भगवान श्रीहरि विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागृत होते हैं. इसी दिन से सभी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरुआत मानी जाती है. इस दिन श्रीहरि विष्णु की पूजा-अर्चना करने और विशेष मंत्रों का जाप करने से भगवान प्रसन्न होते हैं.
कहां जाता है अगर देवउठनी एकादशी तिथि के दिन पूरी श्रद्धा के साथ अगर आप भगवान श्री हरि विष्णु के मंत्र का जाप कर रहे हैं तो आपकी मनचाहा मुराद भी पूरी होगी और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होगी. ऐसी स्थिति में इस दिन जरूर दिए गए इस मंत्र का जाप करें .
<strong>ॐ नमो भगवते वासुदेवाय </strong>अगर आप देवउठनी एकादशी तिथि के दिन दिए गए 108 बार इस मंत्र का जाप करते हैं तो जीवन में सफलता प्राप्त होगी मां को शांति मिलेगी और समस्त पापों से मुक्ति मिलेगी .
ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णु: प्रचोदयात्॥</strong> देवउठनी एकादशी के दिन अगर आप इस मंत्र का जाप करते हैं तो नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी भगवान विष्णु की दिव्य कृपा पर सदैव बनी रहेगी .
ॐ श्री विष्णवे नमः</strong> इस मंदिर के जाप करने से घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा बना रहता है. जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है. विशेष कर देवउठनी एकादशी के दिन इस मंत्र का जाप अत्यंत फलदाई माना जाता है.
एकादशी तिथि के दिन भूलकर भी अनाज ग्रहण नहीं करना चाहिए क्रोध झूठ और चुगली से बचना चाहिए दूसरों की आलोचना अथवा अपमान नहीं करना चाहिए इस दिन शराब मांस का सेवन करना बहुत ही बड़ा पाप माना जाता है इस दिन मां को सात्विक रखना चाहिए और भक्ति भाव में भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा आराधना में लीन रहना चाहिए.

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