
नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी (आप) ने आज एक गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद, दिल्लीवासियों को फिर से पुराने दिनों की तरह लंबी बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। ‘आप’ ने कहा कि पिछले साल 8500 मेगावॉट की पीक डिमांड के बावजूद बिजली कटौती नहीं हुई थी, लेकिन अब हालात बेहद खराब हो गए हैं। दिल्ली की जनता यह सोचने पर मजबूर हो गई है कि अगर अब ही हालात इतने खराब हैं, तो आने वाली गर्मियों में क्या होगा? यह स्थिति दिल्लीवासियों के लिए परेशान करने वाली है और इसे लेकर राजनीति गरमाती जा रही है। बिजली कटौती के बढ़ते मामलों को लेकर आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। अब यह देखने वाली बात होगी कि दिल्ली सरकार इस समस्या का समाधान कैसे करती है और क्या आने वाले दिनों में बिजली की आपूर्ति की स्थिति में कोई सुधार होता है या नहीं।
दिल्ली में बिजली कटौती का बढ़ता संकट
आप ने आरोप लगाया कि भाजपा की सरकार के आने के बाद से दिल्ली में बिजली कटौती की समस्या एक बार फिर लौट आई है। वर्ष 2015 से पहले दिल्ली में बिजली कटौती आम बात थी, लेकिन अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने बिजली आपूर्ति व्यवस्था को ठीक किया और दिल्लीवासियों को अंधेरे के दौर से बाहर निकाला। अब, भाजपा की सरकार के तहत स्थिति फिर से बिगड़ गई है और बिजली कटौती की समस्या बढ़ गई है। अरविंद केजरीवाल, जो ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री हैं, ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इस मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, ‘‘बुधवार को दिल्ली में पीक डिमांड 5462 मेगावॉट थी, और इसके बावजूद दिल्ली के कई इलाकों में घंटों बिजली नहीं आई। पिछले साल, जब पीक डिमांड लगभग 8500 मेगावॉट थी, तो भी कहीं पर कोई बिजली कटौती नहीं हुई थी।’’ केजरीवाल ने सवाल उठाया कि ‘‘आने वाले हफ्तों में जब गर्मी बढ़ेगी और बिजली की डिमांड भी बढ़ेगी, तब क्या होगा? हम पिछले 10 सालों में दिल्ली की बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे थे, लेकिन भाजपा की सरकार ने इसे महज दो दिनों में खराब कर दिया।’’
आप और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप
अरविंद केजरीवाल के अलावा, ‘आप’ की नेता और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, आतिशी ने भी इस मुद्दे पर बयान दिया। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘‘बुधवार की रात दिल्ली के विभिन्न इलाकों से मुझे बहुत सी परेशानियों की जानकारी मिली। जगह-जगह पर बिजली कटौती के कारण लोग काफी परेशान थे। लोग मुझसे रातभर फोन और मैसेज के माध्यम से अपनी परेशानियों को साझा कर रहे थे। लेकिन भाजपा की सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है और सो रही है।’’आतिशी ने आरोप लगाया कि भाजपा की सरकार ने दिल्लीवासियों के जीवन को और मुश्किल बना दिया है और इस मामले में उनकी लापरवाही स्पष्ट दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि दिल्लीवाले अब एक बार फिर से बिजली कटौती के संकट से जूझ रहे हैं, जो पिछले कुछ वर्षों से लगभग खत्म हो गया था।
भाजपा का जवाब
भा.ज.पा. के नेताओं ने इस आरोप को नकारते हुए कहा कि बिजली कटौती के मामले में दिल्ली सरकार की नाकामी है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में बिजली की आपूर्ति के लिए जिम्मेदार दिल्ली सरकार है और भाजपा इस मुद्दे पर जिम्मेदारी नहीं ले सकती। भाजपा ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार की ओर से कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई है, जिससे बिजली आपूर्ति की स्थिति सुधारी जा सके।
बिजली आपूर्ति पर चिंता और सरकार का रुख
इस बीच, बिजली कटौती के बढ़ते मामलों को लेकर दिल्लीवासियों में गहरी चिंता बनी हुई है। लोग गर्मियों में बिजली के अधिक उपयोग की संभावना को लेकर डर रहे हैं। विशेष रूप से ऐसे समय में जब पूरे देश में गर्मी की लहर चल रही है, दिल्लीवासियों को बिजली की कटौती का सामना करना एक गंभीर समस्या बन गई है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि भाजपा की सरकार ने दिल्लीवासियों के हितों को नजरअंदाज किया है और बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। वहीं, भाजपा ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार की कार्यशैली में खामियां हैं, जिससे बिजली आपूर्ति प्रभावित हो रही है।
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