New Year 2026: नए साल 2026 की शुरुआत से पहले ही देश के अलग-अलग राज्यों से लाखों श्रद्धालु धार्मिक स्थलों और मंदिरों में पहुंच रहे हैं. इस कड़ी में वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए भी बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. यहां आने वाले भक्त प्रेमानंद महाराज से नए साल से जुड़े सवाल पूछ रहे हैं. एक भक्त ने नए साल के पहले दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं ये सवाल पूछा. जानिए प्रेमानंद महाराज ने इसका क्या जवाब दिया-
नए साल में कौन से नियम अपनाने चाहिए?
एक भक्त ने महाराज से पूछा- ‘महाराज जी, आने वाले नए साल में हमें कौन से नियम अपनाने चाहिए? इस सवाल का जवाब देते हुए प्रेमानंद महाराज ने कहा कि नया साल केवल पार्टी या उत्सव मनाने का समय नहीं है, बल्कि यह जीवन सुधारने, बुरे कर्म त्यागने और अच्छे कर्म अपनाने का सुनहरा अवसर है. उन्होंने कहा कि नए साल में पाप और बुरे आचरण छोड़कर भगवान की भक्ति और परोपकार पर फोकस करना चाहिए, तभी जीवन में सच्ची खुशी और शांति आएगी.
शराब, मांस और पाप से दूर रहें
इस सवाल के जवाब को देते हुए प्रेमानंद महाराज ने आगे स्पष्ट शब्दों में कहा- ‘शराब पीना, मांस खाना, हिंसा करना और व्यभिचार जैसे कार्य नरक का द्वार खोलते हैं. कई लोग नए साल के नाम पर इनका सेवन करते हैं और इसे खुशी मानते हैं, लेकिन यह वास्तव में दुख और पाप का कारण है.’
उन्होंने आगे कहा- ‘हैप्पी न्यू ईयर बोलकर शराब पीना और गलत काम करना खुशी नहीं, बल्कि पाप और दुख लाता है.’ साथ ही उन्होंने अपील की कि नई शुरुआत में नशा और पाप छोड़कर जीवन को धर्म व भक्ति के पथ पर ले जाएं.
नए साल पर करें ये काम
प्रेमानंद महाराज ने बताया नए साल पर अच्छे काम करने चाहिए और जीवन को सुखी बनाने के लिए कुछ संकल्प लेने चाहिए, जैसे- शराब का पूर्ण त्याग करना, मांसाहार छोड़ना, पराई स्त्री या पुरुष के प्रति गलत विचार त्याग, क्रोध, चोरी, हिंसा और अन्य बुरे कर्मों से दूर रहें, भगवान का नाम जपें और भक्ति करें. साथ ही दान-परोपकार खूब करें.
बच्चों और समाज के लिए संदेश
महाराज जी ने व्यक्तिगत सुधार के साथ-साथ समाज और बच्चों के लिए भी चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि पाप कर्मों में लिप्त रहने से जीवन में दुख और कष्ट आते हैं. उन्होंने कहा- ‘मनुष्य जन्म मिला है, राक्षसी कर्म न करें. परमात्मा की कृपा प्राप्त करें.’
सच्ची प्रसन्नता परमात्मा से मिलती है
प्रेमानंद महाराज जी ने आगे कहा कि असली आनंद शराब, मांस या पार्टी से नहीं, बल्कि भगवान की भक्ति और अच्छे कर्मों से मिलता है. साथ ही उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि नए साल पर अच्छे संकल्प लें, बुराइयों का त्याग करें और धर्म-भक्ति को अपनाएं. इससे नया साल मंगलमय होगा, भगवान की कृपा बनी रहेगी और सभी स्वस्थ-सुखी रहेंगे.

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