
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के नगरों में झुग्गी बस्तियों के विस्तार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से, लोगों की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए किफायती और सुविधाजनक आवास सुविधा विकसित करने कार्य-योजना बनाई जाए। नगरीय क्षेत्र में पर्यावरण की बेहतरी के लिए उद्यानों को विकसित करना और विकास प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड सहित सभी आवासीय परियोजनाओं में पौध-रोपण को प्रोत्साहित करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल के बड़े तालाब के आसपास अवैध निर्माण का सर्वेक्षण करवा कर उन पर कार्रवाई के लिए अभियान चलाया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव नगरीय विकास एवं आवास विभाग की मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में हुई समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में शहरी क्षेत्रों में कॉलोनियों के विकास में देश के प्रतिष्ठित बिल्डर्स एंड कॉलोनाईजस को जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों के साथ औद्योगिक क्षेत्रों में होने वाली आकस्मिक घटनाओं पर नियंत्रण के लिए अग्निशमन सेवा का आधुनिकीकरण तत्काल किया जाए। अंतर्शहरी क्षेत्र में रेल सेवा के विस्तार के लिए नमो ट्रेन की योजना तैयार की जाए। जल्द ही इस पर केन्द्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव से चर्चा कर मदद ली जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लाड़ली बहनों को प्राथमिकता के आधार पर आवास सुविधा उपलब्ध कराई जाए। प्रदेश में मीट-मछली के दुकानदारों को व्यवस्थित करने और उपयुक्त स्थान उपलब्ध कराने के लिए नगरीय निकायों को शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने धार्मिक क्षेत्रों में दीनदयाल रसोई योजना के विस्तार पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस कार्य में सरकारी मदद के साथ स्वंयसेवी संस्थाओं और निजी दानदाताओं की मदद ली जाए। शहरी क्षेत्रों में स्थानीय समुदाय के स्व-सहायता समूह तैयार कर उन्हें आधुनिक लॉण्ड्री शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता और उपयुक्त स्थान उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी एवं अन्य योजनाओं में तैयार किए गए आवासों के आधिपत्य बनने के साथ ही सौंपे जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ पर्यावरण एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। इसके लिए जरूरी है कि शहरी क्षेत्रों में आरक्षित भूमि चयनित कर 'नगर वन' अधिक से अधिक विकसित किए जाएं और उनके रखरखाव की जिम्मेदारी भी तय की जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभागीय बैठक में प्रमोशन प्रक्रिया की जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि अधिकारी-कर्मचारियों को तय समय-सीमा में प्रमोशन दिया जाए। इससे रिक्त होने वाले पदों पर अभी से भर्ती की प्रक्रिया की कार्य-योजना तैयार कर ली जाए।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि धार्मिक एवं पर्यटन शहरों के विकास में एकीकृत विकास की योजना तैयार की जा रही है। चित्रकूट नगर में 2800 करोड़ रूपए की कार्य-योजना तैयार की गई है, जिसमें नगरीय विकास विभाग द्वारा 800 करोड़ रूपए का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में रीडेंसिफिकेशन परियोजनाओं की संभावना को देखते हुए हाऊसिंग बोर्ड को निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री संजय शुक्ला सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में शहरी क्षेत्रों की एक करोड़ 30 लाख लाड़ली बहनों को आर्थिक सहायता के साथ आवास दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 1.0 में 8 लाख 55 हजार आवास बनकर तैयार हो गए हैं। इस योजना के दूसरे चरण में अब तक 4 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हो गए हैं। बैठक में संकल्प-पत्र के बिन्दुओं पर भी चर्चा की गई। बताया गया कि संकल्प बिन्दु के अनुसार वर्ष 2027 तक भोपाल और इंदौर मेट्रो लाईन का पूर्ण संचालन सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरचना निर्माण योजना में 1070 करोड़ रूपए की 1062 परियोजनाएं मंजूर हैं। बताया गया कि 183 नगरीय निकायों में महिलाओं के लिए 218 पिंक शौचालय संचालित हो रहे हैं। बैठक में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के मुद्दे पर चर्चा की गई। नगरीय क्षेत्रों में जल आपूर्ति और सीवरेज की 333 परियोजनाएं स्वीकृत हैं। इन पर करीब 11 हजार करोड़ रूपए की राशि मंजूर हुई है। ई-गवर्नेंस-ऑनलाइन नागरिक सेवाओं पर चर्चा करते हुए इसके विस्तार के संबंध में निर्देश दिए गए। बैठक में नगर तथा ग्राम निवेश की गतिविधियों पर भी चर्चा की गई।
जल गंगा संवर्धन अभियान
बैठक में शहरी क्षेत्रों में जल गंगा संवर्धन अभियान की प्रगति की जानकारी दी गई। प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में 36 जल संरचनाओं के पुनर्जीवन का कार्य पूर्ण किया गया है और 38 हरित क्षेत्र विकसित किए गए हैं। विभिन्न नगरीय निकायों में 3963 रैनवॉटर हार्वेस्टिंग संरचनाएं निर्मित की गई है। इसी के साथ शहरी क्षेत्रों में एक्विफायर मैनेजमेंट और गंदे पानी के शोधन के लिए 30 नालों की कार्ययोजना तैयार की गई।
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