
चीन: चीन ने चाहें भारत से लेकर अमेरिका तक को परेशान कर रखा हो, लेकिन उसके छोटे दुश्मन ताइवान ने ऐसा हमला किया है कि वह पूरा हिल गया है. मंगलवार को जारी एक बयान में चीन ने कहा कि ग्वांगझोउ शहर में चीनी सार्वजनिक सुरक्षा अधिकारियों ने एक अनाम टैक कंपनी पर साइबर हमले के लिए ताइवान सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. गुआंगडोंग प्रांत की राजधानी में अधिकारियों ने शुरुआती पुलिस जांच के आधार पर कहा कि हमले के पीछे विदेशी हैकर संगठन को ताइवान की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) का समर्थन मिला हुआ था. DPP ताइवान में सत्तारूढ़ पार्टी है, चीनी अधिकारी इस हमले में सीधे तौर पर ताइवान का हाथ बता रहे हैं.
क्या है चीन ताइवान विवाद?
तीन और ताइवान का विवाद एक लंबे समय से चला आ रहा है. चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, लेकिन ताइवान अपने आपको एक अलग राष्ट्र कहता है. ताइवान ने हाल के सालों में चीन से आजाद होने के लिए कई आवाजें उठाई हैं. जिनके विरोध चीने उसकी सीमा के नजदीक जाकर युद्ध अभ्यास तक किए हैं. वैसे तो ताइवान द्वीप को चीन नियंत्रित करता है और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना इसे अपने क्षेत्र के हिस्सा बताती है. लेकिन अमेरिका जैसे देश ताइवान सरकार को चीन के खिलाफ आर्थिक और सैन्य मदद करते रहते हैं.
आरोप पर ताइवान की प्रतिक्रिया
ताइवान पर हैकर्स को मदद के आरो लगने के बाद मेनलैंड अफेयर्स काउंसिल ने ताइवान सरकार से टिप्पणी का अनुरोध किया, लेकिन अभी तक ताइवान से इसका जवाब नहीं आया है. ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते पिछले साल सत्ता संभालने के बाद से ही चीन पर आक्रमक हैं, उनके बयानों के बाद से चीन और ताइवान में तनाव और ज्यादा बढ़ गया है. जहां अमेरिका इस मुद्दे में खुलकर चीन के खिलाफ है, वहीं भारत इसके बीच में आने से बचता रहा है.
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