
भोपाल
प्रदेश के धार्मिक पर्यटन स्थलों के लिए अब छोटे विमान संचालित किए जाएंगे। धार्मिक एवं अन्य प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को वायु सेवा से जोड़ने के लिए पर्यटन विभाग वेंचुरा, अर्चना एयरवेज जैसी सहायता प्राप्त योजनाएं लाने जा रहा है। इस योजना के लिए विमानन विभाग और पर्यटन विभाग के बीच सहमति बन गई है। विभिन्न गंतव्यों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए पर्यटन विभाग पीपीपी के तहत छोटे रूट् पर विमानों का संचालन शुरू करने पर काम कर रहा है। इधर, केंद्र सरकार ने पहले से ही क्षेत्रीय वायु संपर्कता योजना (रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम) बनाई हुई है, जो वर्तमान में संचालित है।
पर्याप्त यात्री न मिलना होगी चुनौती
प्रदेश में वायु सेवा प्रारंभ करने में मुख्य दिक्कत पर्याप्त यात्री न मिलना है। वायु सेवा महंगी होने के कारण यात्री इसमें नहीं जाते हैं। पर्यटन विभाग ने पूर्व में प्रयास किए थे और उसने निजी यात्री विमान की तीन खाली सीटों की भरपाई सरकारी खजाने से करने की योजना प्रारंभ की थी, लेकिन कुछ समय तक चलने के बाद ये निजी विमान बंद हो गए। विमानन विभाग ने पर्यटन विभाग से कहा हुआ है कि वह चाहे तो फिर से यह वायु सेवा प्रारंभ करवा सकता है। इसके बाद पर्यटन विभाग फिर से धार्मिक पर्यटन स्थलों को वायु सेवा से जोड़ने की कवायद कर रहा है।
पहले से चल रही है रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम
केंद्र सरकार ने पहले से ही क्षेत्रीय वायु संपर्कता योजना (रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम) बनाई हुई है, जिसमें 80 प्रतिशत सहायता केंद्र एवं 20 प्रतिशत राज्य सरकार करती है। जबलपुर, ग्वालियर भोपाल और इंदौर में इस योजना के तहत विमान सेवाएं संचालित भी हैं। दतिया और खजुराहो से भी इस योजना के अंतर्गत वायु सेवा शुरू की जा रही है।
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