
भोपाल
मध्य प्रदेश के सभी जिलों में एक जनवरी 2024 से साइबर तहसील व्यवस्था लागू होगी। इसके बाद रजिस्ट्री होने के 15 दिन के भीतर क्रेता के पक्ष में नामांतरण होगा। इसके लिए अलग से कोई आवेदन नहीं करना होगा। इसी तरह अविवादित नामांतरण के लिए सभी पक्षों को तहसील कार्यालय आने की आवश्यकता भी नहीं होगी।
मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने इस व्यवस्था के लोकार्पण एक जनवरी को खरगोन जिले से करने जा रहे हैं। इस कार्यक्रम के लिए विशेष तौर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को आमंत्रित किया गया है। वे मध्य प्रदेश आएंगे या वर्चुअली इस आयोजन से जुड़ेंगे, इस पर स्थिति शाम तक साफ होने की संभावना है। इस व्यवस्था में आधुनिक तकनीक के उपयोग से बिना आवेदन दिए पारदर्शी तरीके से रजिस्ट्री के 15 दिन के भीतर क्रेता के पक्ष में नामांतरण किया जाएगा और खसरा-नक्शा में भी तत्काल सुधार किया जा सकेगा। साइबर तहसील के माध्यम से आनलाइन, पेपरलेस और फेसलेस प्रक्रिया से नामांतरण होने से शासन 'सुशासन से सुराज' की दिशा में आगे बढ़ेगा।
सीहोर-दतिया से हुई थी शुरुआत
दतिया एवं सीहोर में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मई 2022 को साइबर तहसील शुरू की गई थी। अक्टूबर 2022 को इंदौर, हरदा, डिंडौरी एवं सागर जिले में साइबर तहसील लागू की गई। अगस्त 2023 को आगर मालवा, बैतूल, उमरिया, श्योपुर, विदिशा एवं ग्वालियर जिलों में प्रभावशील की गई। इस तरह 12 जिलों की 442 तहसीलों में यह लागू हो गई। बाकी जिलों में नए साल यानि एक जनवरी से लागू की जाएगी।
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