रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की ओर से कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर की गई कलम बंद–काम बंद हड़ताल का असर सोमवार को पूरे प्रदेश में साफ दिखाई दिया। इंद्रावती भवन समेत कई प्रमुख शासकीय कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा, जबकि अधिकांश सरकारी स्कूलों में ताले लटके नजर आए। नगरीय निकाय कर्मचारियों ने अवकाश लेकर प्रदर्शन में भाग लिया और विश्वविद्यालयों के शिक्षक व कर्मचारी भी आंदोलन के समर्थन में सामने आए।
नवा रायपुर स्थित विभागाध्यक्ष कार्यालयों, निगमों और बोर्डों में भी अधिकारियों-कर्मचारियों ने काम बंद रखा। इसका असर यह रहा कि कई वरिष्ठ अधिकारियों को दफ्तरों तक पहुंचने में भी परेशानी हुई। रायपुर में प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा और संभाग प्रभारी चंद्रशेखर तिवारी के मार्गदर्शन में बड़ा प्रदर्शन हुआ, जहां 11 सूत्रीय मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की गई।
महासमुंद, धमतरी, गरियाबंद, बलौदाबाजार, दुर्ग, राजनांदगांव, बालोद, बेमेतरा, कबीरधाम, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, कोरबा, रायगढ़, बस्तर और सरगुजा संभाग सहित सभी जिलों में कलम बंद–काम बंद हड़ताल को व्यापक समर्थन मिला। कर्मचारियों और शिक्षकों ने अवकाश लेकर रैलियां निकालीं, ज्ञापन सौंपे और सरकार के प्रति अपना रोष जताया।
फेडरेशन की प्रमुख मांगों में महंगाई भत्ता देय तिथि से लागू करना, डीए एरियर्स का समायोजन, समयमान वेतनमान, वेतन विसंगतियों का निराकरण, शिक्षकों को पूर्ण सेवा लाभ, कैशलेस उपचार, पंचायत सचिवों का शासकीयकरण और सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करने जैसे मुद्दे शामिल हैं। फेडरेशन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार जल्द संवाद शुरू नहीं करती, तो आंदोलन को और तेज करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया जाएगा।

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