राजस्थान बीजेपी ने महिला मोर्चे को छोड़कर बाकी छह मोर्चों के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए हैं. इन नियुक्तियों में दो पूर्व केंद्रीय मंत्रियों और एक मौजूदा विधायक को जिम्मेदारी दी गई है. इस नियुक्ति के तहत जयपुर ग्रामीण के शंकर लाल गोरा को युवा मोर्चे का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है, जिन्होंने अंकित चेची की जगह ली है |
अध्यक्ष नियुक्त हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री निहालचंद मेघवाल
श्रीगंगानगर जिले के रहने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री निहालचंद मेघवाल को SC मोर्चे का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. वे 2014 और 2019 में श्रीगंगानगर सीट से सांसद रहे, हालांकि 2024 में उनका टिकट काट दिया गया था | मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वे करीब दो साल केंद्रीय मंत्री भी रहे. इस दौरान उन पर एक महिला द्वारा रेप का केस दर्ज कराया गया था, लेकिन बाद में उन्हें क्लीन चिट मिल गई थी. लंबे समय से सक्रिय राजनीति से दूर रहने वाले मेघवाल ने दो हफ्ते पहले दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन से मुलाकात की थी, जिसके बाद उनकी सक्रिय राजनीति में वापसी मानी जा रही है. माना जा रहा है कि उन्हें यह जिम्मेदारी अमित शाह से मुलाकात का इनाम है |
पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को भी मिला स्थान
इसके अलावा एक और पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को किसान मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. कैलाश चौधरी मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में कृषि राज्य मंत्री थे और वे बाड़मेर जिले के रहने वाले हैं | भीलवाड़ा की जहाजपुर सीट से विधायक गोपीचंद मीणा को अनुसूचित जनजाति यानी एसटी मोर्चे का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. अल्पसंख्यक मोर्चे में हमीद खान मेवाती को रिपीट किया गया है और उन्हें लगातार दूसरी बार प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है. वे अलवर जिले के निवासी हैं. वहीं पाली जिले के रहने वाले महेंद्र कुमावत को ओबीसी मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है |
फिलहाल महिला मोर्चा के अध्यक्ष की घोषणा नहीं
महिला मोर्चा के अध्यक्ष की घोषणा फिलहाल नहीं की गई है. सूत्रों के मुताबिक इन नियुक्तियों के जरिए पार्टी ने डैमेज कंट्रोल की कोशिश की है और लंबे समय से कम सक्रिय नेताओं को जिम्मेदारी देकर फिर से सक्रिय करने की रणनीति अपनाई गई है. यह भी जानकारी मिली है कि पूरी सूची दिल्ली के नेताओं ने तैयार की है और राजस्थान से इसे केवल जारी किया गया है | केंद्रीय नेतृत्व की पसंद वाले नेताओं को ही सूची में जगह दी गई है. नवनियुक्त पदाधिकारियों को आज या कल जयपुर में पार्टी दफ्तर बुलाकर स्वागत किए जाने की तैयारी है. महिला मोर्चे में अध्यक्ष की घोषणा न हो पाने के पीछे आपसी खींचतान बताई जा रही है, क्योंकि इस पद पर अभी तक एक राय नहीं बन पाई है |

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