वाशिंगटन। कॉरपोरेट जगत में अक्सर मुनाफे और अधिग्रहण की खबरें सुर्खियों में रहती हैं, लेकिन अमेरिका की एक कंपनी के मालिक ने अपने कर्मचारियों के प्रति वफादारी और सम्मान की एक ऐसी मिसाल पेश की है, जिसने पूरी दुनिया का दिल जीत लिया है। फाइबरबॉन्ड कंपनी के मालिक ग्राहम वॉकर ने हाल ही में अपना व्यवसाय ईटन नामक दिग्गज कंपनी को बेच दिया, लेकिन इस सौदे को अंतिम रूप देने से पहले उन्होंने एक ऐसी शर्त रखी जिसे सुनकर व्यापारिक सलाहकार भी हैरान रह गए। वॉकर ने स्पष्ट कर दिया कि कंपनी की कुल बिक्री राशि का 15 प्रतिशत हिस्सा सीधे उन कर्मचारियों को दिया जाएगा, जिन्होंने कंपनी को इस मुकाम तक पहुँचाया है।
यह सौदा 1.7 बिलियन डॉलर (लगभग 14,000 करोड़ रुपये) में तय हुआ। वॉकर की शर्त के अनुसार, बिक्री की राशि में से 240 मिलियन डॉलर (लगभग 2,000 करोड़ रुपये) का बोनस कंपनी के सभी 540 फुल-टाइम कर्मचारियों के लिए आरक्षित किया गया। इस फैसले की सबसे खास बात यह थी कि कर्मचारियों के पास कंपनी का कोई शेयर नहीं था, फिर भी वॉकर ने उन्हें मुनाफे का हिस्सेदार बनाया। इस हिसाब से प्रत्येक कर्मचारी को औसतन 4.4 लाख डॉलर (लगभग 3.7 करोड़ रुपये) मिले, जिसे रिटेंशन अवॉर्ड के रूप में अगले पांच वर्षों में वितरित किया जाएगा। जब जून के महीने में कर्मचारियों को उनके नाम के सीलबंद लिफाफे मिले, तो कई लोगों की आंखों में आंसू आ गए। 29 साल से कंपनी में काम कर रही लेसिया की ने बताया कि उन्होंने 1995 में मात्र 5.35 डॉलर प्रति घंटे की मजदूरी से शुरुआत की थी। बोनस की राशि मिलने के बाद उन्होंने अपना होम लोन चुकाया और खुद का व्यवसाय शुरू करने का सपना पूरा किया। इसी तरह 15 साल से काम कर रही 67 वर्षीय हांग ब्लैकवेल को भी लाखों डॉलर का बोनस मिला, जिससे उन्होंने सम्मानजनक सेवानिवृत्ति ली।
फाइबरबॉन्ड की यात्रा संघर्षों से भरी रही है। 1982 में शुरू हुई यह कंपनी 1998 में भीषण आग के कारण खाक हो गई थी, लेकिन वॉकर परिवार ने उत्पादन बंद होने के बावजूद कर्मचारियों का वेतन नहीं रोका। बाद में डॉट-कॉम मंदी के दौरान भी कंपनी ने कड़े संघर्ष किए। कंपनी की किस्मत तब बदली जब उसने डेटा सेंटर क्षेत्र में भारी निवेश किया और महामारी के दौरान क्लाउड कंप्यूटिंग की मांग बढ़ने से इसकी बिक्री में 400% का उछाल आया। ग्राहम वॉकर के सलाहकारों ने उन्हें चेतावनी दी थी कि बिक्री का 15% कर्मचारियों को देने की शर्त सौदे को जटिल बना सकती है, लेकिन वॉकर अपने फैसले पर अडिग रहे। उनका मानना था कि यह पैसा सिर्फ एक उपहार नहीं, बल्कि उन लोगों के प्रति आभार है जिन्होंने मुश्किल समय में कंपनी का साथ नहीं छोड़ा। यह कदम न केवल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को सुधारने वाला साबित हुआ, बल्कि नई मालिक कंपनी के लिए भी संचालन को स्थिर रखने का एक जरिया बना।

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जब तक मैं इसे मंजूरी नहीं देता, उनके पास कुछ भी नहीं