December 28, 2025

शिवसेना (यूबीटी) और मनसे के गठबंधन पर बावनकुले का बयान, मुंबई की जनता अब इस पर भरोसा नहीं करेगी 

मुंबई। मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनावों से पहले महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा घटनाक्रम बुधवार को हुआ। जहां शिवसेना (यूबीटी) उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवर्निमाण सेना प्रमुख राज ठाकरे एक मंच पर दिखाई दिए। करीब दो दशकों के बाद दोनों भाईयों ने गठबंधन का ऐलान कर दिया। इस ऐलान के बाद भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने स्पष्ट किया कि मुंबई की जनता अब राजनीतिक बयानबाजी के बजाय अंतरराष्ट्रीय शहर बनने के मॉडल और विकास को प्राथमिकता देगी। भाजपा ने उद्धव ठाकरे पर अपने पिता बालासाहेब ठाकरे के सिद्धांतों से समझौता करने का आरोप लगाया है। खासकर धाराशिव की घटना (पाकिस्तानी झंडे का जिक्र) को लेकर उन्हें घेरा गया है। भाजपा का दावा है कि उद्धव गुट के पास चुनाव लड़ने के लिए पर्याप्त कार्यकर्ता भी नहीं बचे हैं और उनकी सीटें 228 से घटकर 8 पर आ गई हैं। भाजपा के अनुसार, राज और उद्धव का साथ आना केवल अपनी राजनीतिक जमीन बचाने की कोशिश है, जिससे उन्हें जनता की सहानुभूति नहीं मिलेगी। वहीं शिंदे गुट के नेताओं ने भी इस गठबंधन पर सवाल उठाए हैं। राजू वाघमारे जैसे नेताओं का मानना है कि शिवाजी पार्क पर श्रद्धांजलि देना केवल एक दिखावा है जिसे मराठी जनता स्वीकार नहीं करेगी। लेकिन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) में शामिल कांग्रेस भी इस नए गठबंधन के प्रभाव को लेकर सतर्क दिख रही है। यह बयानबाजी दर्शाती है कि आने वाले समय में मुंबई नगर निगम का चुनाव मराठी अस्मिता और शहरी विकास के इर्द-गिर्द सिमट जाएगा। भाजपा जहाँ देवेंद्र फडणवीस के विकसित मुंबई विजन को आगे रख रही है, वहीं ठाकरे बंधुओं का साथ आना एक बड़े वोट बैंक को एकजुट करने की कोशिश है।