जोधपुर | जोधपुर के कुड़ी भगतासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच हुआ विवाद सोमवार देर रात तूल पकड़ गया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस, धक्का-मुक्की और "151 में बंद कर दूंगा" जैसी धमकियां साफ सुनाई दे रही हैं। इसके बाद वकीलों ने थाने के बाहर देर रात से लेकर मंगलवार सुबह तक धरना देकर SHO व अन्य दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग की।
पुलिस–वकील विवाद पर रातभर चला धरना
पूर्व अध्यक्ष रणजीत जोशी ने बताया कि SHO के निलंबन के बिना आंदोलन खत्म नहीं होगा। ADCP (पश्चिम) रोशन मीणा पूरी रात समझाइश में लगे रहे, लेकिन वकील अपनी मांग पर अड़े रहे। देर रात SHO को सस्पेंड करने पर पुलिस प्रशासन सहमत भी दिखा, लेकिन बार संगठनों के निर्णय के अभाव में स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई।
पुलिस का आधी रात स्पष्टीकरण
रात 1:15 बजे पुलिस कमिश्नर ओमप्रकाश ने बयान जारी किया कि किसी भी वकील को BNSS की धारा 170 में गिरफ्तार नहीं किया गया है। घटना की जांच ADCP (पश्चिम) से करवाई जा रही है और रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
एडवोकेट भरतसिंह राठौड़ और एक महिला वकील दुष्कर्म मामले में पीड़िता की ओर से आरोपी की गिरफ्तारी की मांग लेकर थाने पहुंचे थे। आरोप है कि थाने में बिना वर्दी के पुलिसकर्मी बयान ले रहा था, जिसपर वकीलों ने आपत्ति जताई। इसी दौरान SHO ने कथित तौर पर वीडियो बनाने से रोकते हुए अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया और “151 में बंद करने” की धमकी दी।
न्यायिक कार्य बहिष्कार का एलान
जोधपुर में वकील और पुलिस के बीच तनातनी का मामला इतना गरमा गया है कि जोधपुर हाईकोर्ट में वकीलों की एसोसिएशन ने आज न्यायिक कार्य बहिष्कार करने का एलान कर दिया है। इसे लेकर बयान जारी किया गया है। राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन और राजस्थान हाईकोर्ट लॉयर्स एसोसिएशन, जोधपुर के पदाधिकारियों संयुक्त बैठक एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष, रतनाराम ठोलिया, और लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आनंद पुरोहित की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी। इस बैठक में पुलिस थाना कुड़ी भगतासनी के थानााधिकारी सहित पुलिस कर्मियों द्वारा अधिवक्ता भरतसिंह राठौड़ एवं उनके सहयोगी अधिवक्ताओं के साथ थाना परिसर में की गई मारपीट एवं हमले की निंदा करते हुए निर्णय लिया गया कि दिनांक 02.12.2025 को राजस्थान उच्च न्यायालय और सभी अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायिक कार्यों में अधिवक्ता द्वारा स्वेच्छा से भाग नहीं लिया जायेगा एवं न्यायिक कार्यों का स्वैच्छिक बहिष्कार किया जायेगा।
बाकियों ने क्या कहा?
एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रतनाराम ठोलिया और लॉयर्स एसोसिएशन अध्यक्ष आनंद पुरोहित ने बताया कि अधिवक्ता भरतसिंह अपने मुक़दमे के न्यायिक कार्यों में हो रही देरी को दृष्टिगत रखते हुए वे अपने अधीनस्थ अधिवक्ताओं जिसमें महिला अधिवक्ता भी थी के साथ कुड़ी भगतासनी पुलिस थाने जाकर अपने मुक़दमे के मामले की प्रगति के संदर्भ में जानकारी चाहते थे जिस पर थानाधिकारी हमीरसिंह सहित उपस्थित पुलिसकर्मियों द्वारा अधिवक्ताओं के साथ थाने में ही मारपीट की एवं जानलेवा हमला किया एवं दर्ज प्रकरण के आरोपियों को गिरफ्तार करने के बजाय अधिवक्ताओं को ही थाने में बंद कर दिया। उक्त मारपीट व जानलेवा हमले की घटना से दोनों एसोसिएशन के सदस्यों में भारी रोष व्याप्त है। आज बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं ने उच्च न्यायालय और अधीनस्थ न्यायालयों में एकत्र होकर पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई हेतु प्रतिवेदन प्रस्तुत कर मारपीट व जानलेवा हमले के आरोपी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग की।

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