जयपुर। राजस्थान सरकार ने एक ऐसी सरकारी योजना लागू है, जिसके तहत सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों का सरकारी और निजी अस्पतालों में निशुल्क इलाज मिलता है। इस योजना का नाम है राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस)। इस योजना की आड़ में बड़ा घोटाला हुआ। कई निजी अस्पतालों और फार्मा स्टोर ने जमकर फर्जीवाड़ा किया। अब सरकार ने उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया है।
यह घोटाला सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से हुआ। राज्य सरकार ने अब सख्त एक्शन लेते हुए 28 सरकारी कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही घोटाला करने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ भी कार्रवाई की है। मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट की प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने बताया कि सरकार ने 34 निजी अस्पतालों को इस योजना से बाहर कर दिया है यानी यह निजी अस्पताल अब इस स्कीम के तहत इलाज नहीं कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि घोटाला करने वाले कुछ अस्पताल ऐसे भी थे, जहां एक ही सर्जरी का दो बार क्लेम उठाया गया। इन हॉस्पिटलों से अब तक करीब 36 करोड़ की पैनल्टी वसूल की गई है।
आरजीएचएस योजना के तहत मेडिकल स्टोर पर भी पात्र लोगों को निशुल्क दवाइयां मिलती है। इस योजना की आड़ में कई निजी मेडिकल स्टोर ने भी जमकर फर्जीवाड़ा किया। बिना जरूरत के ही मरीजों के नाम लाखों रुपए की दवाइयां बेचना बताकर सरकार से भुगतान लिया। मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट ने पिछले 3 महीने में 431 फार्मा स्टोर को इस योजना से सस्पेंड कर दिया है। फर्जीवाड़ा करने वाले फार्मा स्टोर संचालकों से 4.64 करोड़ रुपए पैनल्टी वसूल की है।

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