Jabalpur digital arrest: जबलपुर में डिजिटल अरेस्ट के नाम पर एक सनसनीखेज ठगी का मामला सामने आया है, जहां 72 वर्षीय रिटायर्ड बैंककर्मी से 76 लाख रुपये हड़प लिए गए। आरोपियों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर बुजुर्ग को मानव तस्करी और गंभीर अपराध में फंसाने की धमकी दी और सुप्रीम कोर्ट में राशि जमा करवाने का झांसा देकर रकम अपने खातों में ट्रांसफर करवा ली।
कॉल पर कहा— “आपके सिम से अपराध हुआ है”
यह घटना जबलपुर के संजीवनी नगर इलाके की है। पीड़ित अनिल कुमार नन्हौरिया को 22 नवंबर की सुबह करीब 10:30 बजे एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को टेलीकॉम विभाग का अधिकारी बताया और कहा कि उनके नाम से जारी मोबाइल नंबर से किसी अपराध में संलिप्तता की शिकायत दिल्ली में दर्ज है। इसके बाद आरोपी ने उन्हें दिल्ली जाकर बयान देने के लिए कहा, जिससे बुजुर्ग घबरा गए।
CBI अधिकारी बनकर बनाया दबाव
अगले ही चरण में ठगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और मानव तस्करी जैसे गंभीर केस में फंसाने का डर दिखाया। बुजुर्ग को चेतावनी दी गई कि अगर वे सहयोग नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। दो दिनों तक कॉल पर उन्हें मानसिक रूप से डराते हुए “डिजिटल अरेस्ट” का भ्रम बनाए रखा।
FD तोड़कर भेज दिए 76 लाख
डर और दबाव में आकर बुजुर्ग ने अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़ दी और 76 लाख रुपये आरोपियों द्वारा बताए गए बैंक खातों में जमा कर दिए। जब निर्धारित समय के बाद भी पैसे वापस नहीं मिले, तो उन्हें ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने थाने में शिकायत दर्ज कराई।
क्राइम ब्रांच ने दर्ज किया मामला
क्राइम ब्रांच ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और उनकी पहचान के लिए जांच तेज कर दी है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि ऐसी किसी भी संदेहास्पद कॉल पर तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर सेल को सूचना दें और किसी भी स्थिति में बैंक डिटेल, OTP या अकाउंट जानकारी साझा न करें।

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