दिल्ली | दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर के नाम पर लोगों से किया गया वादा अभी तक अधूरा है. तेज, सुविधाजनक और सस्ती यात्रा की उम्मीद में हजारों यात्रियों ने सोचा था कि इस सर्दी से उनकी रोजाना की आवाजाही आसान हो जाएगी, लेकिन दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर का उद्घाटन लगातार टलता जा रहा है. स्टेशन बन चुके हैं, ट्रायल रन भी काफी समय से चालू है, सुरक्षाकर्मी तैनात हैं और साइनबोर्ड भी लगे नजर आते हैं, फिर भी दरवाज़े आम लोगों के लिए बंद हैं. इस असमंजस ने नगरवासियों को परेशान कर दिया है, क्योंकि उन्हें नहीं पता कि देरी तकनीकी कारणों से हो रही है या फिर कागजों में कहीं फंस गई है|
मेरठ साउथ से मोदीपुरम तक 23 किलोमीटर के इस रूट में बेगमपुल, एमईएस और परतापुर जैसे घनी आबादी वाले इलाके शामिल हैं. सुरक्षा और सिग्नल से जुड़ी आवश्यक मंजूरी भी मिल चुकी हैं. सितंबर में उद्घाटन की पूरी उम्मीद थी, लेकिन दो महीने गुजरने के बाद भी यात्री सिर्फ दूर से इस सुविधा को निहारने पर मजबूर हैं"|
लोगों की जेब और समय, दोनों पर पड़ रहा बोझ
बेगमपुल निवासी अरबाज का कहना है कि जिस जगह पर उनका घर है, वहां की रोड बेहद खराब है. ऐसे में उन्हें लंबे रास्ते जाना पड़ता है. इसके लिए उन्हें रोजाना अतिरिक्त समय और पैसा खर्च करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि अभी उन्हें ऑफिस पहुंचने में हर सुबह 45 से 50 मिनट का समय लगता है और हर बार मेरठ साउथ के लिए 50 रुपये देने होते हैं. अगर बेगमपुल स्टेशन चालू होता, तो मैं पैदल ही मेट्रो तक पहुंच जाता और लगभग एक घंटा बच जाता. इसी तरह मेरठ से दिल्ली आने वाले असलम कहते हैं कि RRTS तो जल्दी ही मेरठ पहुंचा देती है, लेकिन उसके बाद शहर के अंदर पहुंचने में 45 मिनट और लग जाते हैं. यहां तक कि रात 8 बजे के बाद पब्लिक ट्रांसपोर्ट मिलना बेहद मुश्किल हो जाता है|
25 दिसंबर तक हो सकता है उद्घाटन
अधिकारियों के अनुसार, जल्द ही इंतज़ार खत्म होने की संभावना है. बताया जा रहा है कि 25 दिसंबर, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म जयंती के खास दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सेक्शन का उद्घाटन कर सकते हैं. हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. बता दें कि वर्तमान में दिल्ली के न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक लगभग 55 किमी रूट चालू है. पूरा कॉरिडोर चालू होते ही मोदीपुरम तक की दूरी ट्रेन मात्र 55 मिनट में तय करेगी|
राजनीतिक और प्रशासनिक रुकावटें?
NCRTC ने कई बार ‘प्रोजेक्ट तैयार है’ कहकर दिलासा दिया है, लेकिन देरी के कारणों पर चुप्पी साधे हुए है. सितंबर में लॉन्च की अटकलें भी धरी की धरी रह गईं. पहले यह प्रोजेक्ट जून 2025 तक पूरा होने की बात कही गई थी और इसे देश में सबसे तेज़ी से बन रहे परिवहन प्रोजेक्ट्स में गिना गया था. आज 55 किलोमीटर का रूट चालू होने के बाद अब हर किसी को 23 किलोमीटर रूट के चालू होने का इंतजार है|

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