भोपाल | मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी लीडर उमा भारती ने हिंदू राष्ट्र को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा, ‘भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि भारत पहले से ही हिंदू राष्ट्र है. देश का सेक्युलर होना ही इसका प्रमाण है. विविधता में एकता देखना ही हिंदू की प्रकृति है.’
‘भारत हिंदू राष्ट्र है, लेकिन हिंदू स्टेट नहीं है’
उमा भारती ने कहा, ‘हिंदू विविधता में एकता देखता है. लेकिन जो लोग पिछले 2 हजार सालों से यहां आए हैं और दूसरी पूजा पद्धति पनपी है. उन्हें ये देखने की जरूर है. उन लोगों को विविधता में एकता को समझना होगा. डॉ हेडगवार ने भी कहा था भारत हिंदू राष्ट्र है, इसे घोषित करने की जरूरत नहीं है. लेकिन भारत हिंदू स्टेट नहीं है और कभी हो भी नहीं हो सकता, क्योंकि भारत सभी धर्मों को मानने वाला देश है|
‘कोरोना काल में कुत्ते हवाई जहाज में गए और लाखों लोग पैदल चले’
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘हर जगह ये चर्चा का विषय है कि हिंदुओं में एकता हो. वो जात-पात से ऊपर उठे. अपने ही देश में बहुसंख्यक होते हुए भी अपने धर्म स्थानों के प्रति बलिदान क्यों देने पड़े. इसका कारण जाति है. धर्म कभी भी जातीय एकता का आधार नहीं बनता. उदाहरण देखिए पाकिस्तान और बांग्लादेश भी अलग हो गए, जबकि दोनों एक ही धर्म को मानते थे. अमेरिका भी अंग्रेजी बोलता है और कनाडा भी अंग्रेजी बोलता है, लेकिन अलग हैं. इसका मतलब एकता का आधार आर्थिक समानता है. आरक्षण का मूलभूत भी आर्थिक समानता है. आर्थिक समानता रहेगी तो धनवान के मन से शासक का भाव नहीं रहेगा. आर्थिक रूप से पीड़ित लोगों के मन से शोषित होने का भाव निकलेगा. इसलिए रोटी की समानता सभी में हो. आर्थिक समानता में सत्ता, शासन और प्रशासन आता है. सरकारी स्कूल और प्राइवेट स्कूल में अंतर है. सरकारी अस्पताल और प्राइवेट अस्पताल में अंतर है. इसी देश में कोरोना काल में कुत्ते हवाई जहाज में गए हैं और लाखों लोग पैदल चले हैं|

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