रेलवे कोयला साइट पर अंधाधुंध फायरिंग, अपराधियों ने ट्रक को फूंका

झारखंड में अपराधियों के हौसले एक बार फिर बेकाबू होते नजर आ रहे हैं। लातेहार जिले के फुलबसिया रेलवे कोयला साइडिंग में बीती रात बेखौफ अपराधियों ने गोलीबारी कर दहशत का माहौल बना दिया। अपराधियों ने मौके पर खड़े एक हाईवा ट्रक को आग के हवाले कर दिया, जिससे वाहन पूरी तरह जलकर खाक हो गया। इस वारदात के पीछे कुख्यात राहुल दुबे गैंग का नाम सामने आया है, जिसने न सिर्फ घटनास्थल पर एक हाथ से लिखा धमकी भरा पर्चा छोड़ा, बल्कि फेसबुक पोस्ट के जरिए भी खुली धमकियां दी हैं।

अंधाधुंध फायरिंग से मची अफरातफरी, सात खोखा बरामद

गवाहों के मुताबिक, अपराधियों ने घटनास्थल पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। ग्रामीणों ने डर के कारण खुलकर कुछ कहने से परहेज किया, लेकिन दबी जुबान से गोलीबारी की पुष्टि की। पुलिस को मौके से सात खोखे बरामद हुए हैं, जिनमें दो जिंदा कारतूस हैं। वारदात के बाद कोयला साइटिंग पर काम कर रहे ट्रांसपोर्टर, हाईवा मालिक और मजदूरों में भय का माहौल व्याप्त है।

भाजपा नेता समेत तीन व्यवसायियों को मिली धमकी

बताया जा रहा है कि यह हमला लेवी वसूली को लेकर किया गया है। राहुल दुबे गैंग ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से बालूमाथ, चतरा और लातेहार के कोयला व्यवसायियों को खुलेआम चेतावनी दी है। खासतौर पर कोयला व्यवसायी सह भाजपा नेता चेतलाल रामदास, सुशांत सिंह राजपूत और रामस्वरूप पांडे को सीधे धमकाया गया है। पोस्ट में कहा गया है कि अगर बिना 'मैनेज' किए कारोबार किया गया तो ‘खोपड़ी खोल दी जाएगी’। साथ ही चेतावनी दी गई है कि अगली बार घर-परिवार को भी नहीं बख्शा जाएगा।
 
पुलिस मौके पर पहुंची, जांच और सर्च ऑपरेशन शुरू

घटना की सूचना मिलते ही बारियातू थाना प्रभारी देवेंद्र कुमार टीम के साथ मौके पर पहुंचे और पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर जांच शुरू की। थाना प्रभारी ने बताया कि राहुल दुबे गैंग ने इस घटना की जिम्मेदारी ली है, लेकिन उनका इस इलाके में कोई सक्रिय जनाधार नहीं रहा है। बावजूद इसके, पुलिस सतर्कता बरतते हुए पूरे इलाके में सर्च अभियान चला रही है और अपराधियों की धरपकड़ के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।

कोयला कारोबारियों में बढ़ी चिंता

यह वारदात कोयला उद्योग से जुड़े लोगों के लिए खतरे की घंटी मानी जा रही है। जिस तरह से सोशल मीडिया और पर्चों के माध्यम से धमकी दी जा रही है, उससे साफ है कि अपराधी अब खुलकर सत्ता और प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं। इससे पहले भी राज्य के विभिन्न हिस्सों में लेवी के लिए कई हमले हो चुके हैं, लेकिन इस तरह की सुनियोजित और सार्वजनिक चेतावनियां कोयला व्यवसाय में असुरक्षा की भावना को और गहरा कर रही हैं।