
मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में शनिवार को एक बड़ा मोड़ आया। लंबे समय बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने एक साथ सार्वजनिक मंच साझा किया। यह 'विजय रैली' मुंबई के वर्ली इलाके में एनएससीआई डोम में आयोजित की गई, जहां इन दोनों नेताओं ने महाराष्ट्र सरकार की तीन-भाषा नीति को वापस लेने की खुशी में लोगों को संबोधित किया। शिवसेना (UBT) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) द्वारा संयुक्त रैली के दौरान भाईयों, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने गले मिलकर एक दूसरे को बधाई दी। महाराष्ट्र सरकार ने हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में लागू करने के लिए दो सरकारी प्रस्तावों को रद्द कर दिया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) राज ठाकरे मुंबई के वर्ली डोम पहुंचे, जहां उद्धव ठाकरे गुट (UBT) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के नेता एक संयुक्त रैली कर रहे हैं, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार ने हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में पेश करने के लिए दो सरकारी प्रस्तावों को रद्द कर दिया है।
'मातोश्री' से रवाना हुए उद्धव-आदित्य ठाकरे
शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने बेटे और पार्टी नेता आदित्य ठाकरे के साथ अपने निवास 'मातोश्री' से उस स्थान के लिए रवाना हुए, जहां शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) का एक संयुक्त कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
'शिवतीर्थ' से कार्यक्रम स्थल के लिए रवाना हुए राज ठाकरे
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) राज ठाकरे अपने निवास 'शिवतीर्थ' से कार्यक्रम स्थल के लिए रवाना हुए, जहां शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) का एक संयुक्त कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
ठाणे में जश्न का माहौल
इससे पहले रैली की पूर्व संध्या पर ठाणे में मनसे और शिवसेना यूबीटी कार्यकर्ताओं ने मिलकर लड्डू बांटे। ढोल-ताशों के साथ लोगों को मिठाइयां बांटी गईं और सड़कों पर बड़े-बड़े पोस्टरों में उद्धव और राज ठाकरे साथ दिखे। वहीं कोली समाज ने ठाणे के आई एकविरा मंदिर में विशेष पूजा की और ठाकरे बंधुओं की एकता की प्रार्थना की।
रैली के राजनीतिक मायने
लोकसभा चुनाव 2024 में शिवसेना यूबीटी ने 20 सीटें जीती थीं, लेकिन मनसे पूरी तरह खाली हाथ रही। निकाय चुनाव खासकर मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के पहले यह एकजुटता उनके लिए राजनीतिक ताकत दिखाने का मंच बन सकती है।
कौन-कौन शामिल हो रहा है?
एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेता सुप्रिया सुले या जीतेन्द्र आव्हाड कार्यक्रम में शामिल होंगे। कांग्रेस इस मंच पर शामिल नहीं होगी, लेकिन उसने मराठी भाषा के समर्थन में अपनी वैचारिक एकजुटता जताई है। इसके साथ ही साहित्य, कला, नाटक और सांस्कृतिक क्षेत्रों के लोग भी आमंत्रित किए गए हैं।
अब क्या हो रहा है?
उद्धव ठाकरे (शिवसेना यूबीटी) और राज ठाकरे (मनसे) अब इसे जनता की जीत मानते हुए शनिवार को विजय उत्सव मना रहे हैं। यह आयोजन वर्ली के एनएससीआई डोम में होगा, जो आदित्य ठाकरे का विधानसभा क्षेत्र भी है। इस मौके पर कोई पार्टी झंडा, चुनाव चिह्न या झंडा इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, लेकिन इस एकता का राजनीतिक संदेश साफ है। दोनों ठाकरे भाई आखिरी बार 2005 में मालवण उपचुनाव के दौरान एक साथ मंच पर आए थे। उसी साल राज ठाकरे ने शिवसेना छोड़कर 2006 में अपनी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना बनाई थी।
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