
1 जुलाई 2025 दिल्ली के 60 लाख वाहन मालिकों के लिए डरावनी तारीख रही. वजह- CAQM के निर्देश पर इसी दिन से दिल्ली के सभी पेट्रोल पंप पर अपनी मियाद पूरी कर चुके वाहनों को ईंधन देना बंद किया गया. साथ ही जुर्माना भी लगाया गया. सरकार का ये फैसला ना तो जनता को पसंद आया और ना ही विपक्ष को. चारों तरफ से बन रहे दवाब के बाद दिल्ली सरकार ने CAQM से सिफारिश कर कहा कि मौजूदा प्रणाली में खामियां हैं, इसलिए इस फैसले को आगे के लिए टाल दिया जाए.
CAQM से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, EOL वाहनों पर कार्रवाई को लेकर पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा की चिट्ठी मिल गई है. CAQM चिट्ठी में बताए गए तथ्यों का अध्ययन कर लेगा फैसला. नया आदेश आने तक दिल्ली में पुराना आदेश ही लागू रहेगा. इस तरह लोगों को राहत तो मिली लेकिन बड़ा सवाल है कि इस दौरान जब्त हुईं गाड़ियां कहां हैं और उनका क्या होगा?
योजना में साजिश, मामले की जांच हो: AAP
आम आदमी पार्टी दिल्ली सरकार के इस फैसले को जनता की जीत और सरकार की कथनी और करनी में अंतर बता रही है. साथ ही योजना में साजिश बताते हुए मामले की जांच की मांग कर रही है. अब सवाल ये उठता है कि अगर दिल्ली सरकार की सिफारिश CAQM मान भी लेता है तो जिन गाड़ियों को जब्त किया गया वो किन हालातों में हैं और उनका अब क्या होगा?
जानकारी के मुताबिक, जिन End Of Life गाड़ियों को 1 जुलाई से सड़क पर पहली बार पकड़ा गया, उन पर 10 हजार रुपये का जुर्माना किया गया है. साथ ही गाड़ी के मालिकों से भविष्य में दिल्ली की सड़कों पर गाड़ियों के इस्तेमाल ना करने की अंडरटेकिंग लेकर गाड़ी वापस की जा सकती हैं. अगर ये गाड़ी दोबारा पकड़ी जाती हैं तो इन्हें सीधा स्क्रैप के लिए भेज दिया जाएगा.
आखिर क्या है पूरा मामला?
अब आपको बताते हैं कि आखिर ये पूरा मामला है क्या और इसकी शुरुआत कैसे हुई. दरअसल, ये कवायद दिल्ली में प्रदूषण की समस्या को लेकर 2014 में NGT के एक आदेश के बाद शुरू हुई थी. NGT के फैसले को 2018 में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि 1 अप्रैल, 2020 से देश में BS VI फ्यूल वाली गाड़ियां का ही निर्माण होगा और बेची जाएंगी.
29 अक्टूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने NGT के आदेश को हरी झंडी दिखाते हुए 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल और 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों के दिल्ली में चलाने पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने कहा था, अगर ऐसे वाहन दिल्ली-NCR में चलते हैं तो उन्हें जब्त किया जाए. इतना ही कोर्ट ने ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट से कहा था कि वह ऐसे तमाम पुराने वाहनों की सूची अपनी वेबसाइट पर डालें. ऐसे में साफ है कि ये राहत फौरी तो हो सकती है लेकिन स्थायी नहीं. देर-सवेर इन EOL गाड़ियों पर कार्रवाई की तलवार लटकी ही रहेगी.
More Stories
UPPCL का ब्यूँ फैलाव: हर दो ग्राम पंचायतों में होगी एक विद्युत सखी तैनाती
पत्नी से परेशान व्यक्ति ने लगाई खुद पर आग, पड़ोसियों ने बचाने की की थी कोशिश
UP Police SI एवं आरक्षी पदों की तैयारी तेज़, सितंबर से पहले जारी योजनाएं