
हिसार। हरियाणा में मानसून धीरे-धीरे पूरा छा गया है। आने वाले दिनों में लगातार वर्षा की संभावना है। मौसम विज्ञानियों ने शुक्रवार को 18 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है।
चार जिलों में हल्की बूंदाबांदी की संभावना बनी हुई है। वहीं वीरवार को हिसार, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, नूंह और महेंद्रगढ़ में हल्की वर्षा हुई। इससे तापमान में थोड़ी गिरावट आई।
वहीं, सिरसा और रोहतक का अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस पार कर गया। वीरवार को दिन के समय धूप खिलने के कारण उमस भरी गर्मी रही। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार जिलों में वर्षा हो रही है।
वीरवार को प्रदेश के पांच जिलों में हल्की वर्षा हुई। हिसार शहर में हल्की बूंदाबादी तो हांसी में तेज वर्षा हुई। फतेहाबाद के टोहना में हल्की बूंदाबांदी हुई। शाम को हुई इस बूंदाबांदी के कारण मौसम में ठंडक बनी। दिन के समय धूप खिलने और गर्मी अधिक होने के कारण लोग परेशान रहे।
इसके चलते हिसार के अधिकतम तापमान में हल्का उछाल भी आया है। वहीं शुक्रवार को प्रदेश में वर्षा के अलावा आने वाले दिनों में हरियाणा के अधिकतम जिलों में वर्षा हो सकती है। इसका कारण है कि मानसूनी हवाओं में सक्रियता अधिक होगी।
पहाड़ों पर पांचवें दिन बरसात कम होने से नदियों में पानी का बहाव कम हो गया है। यमुना और घग्गर समेत कई बरसाती नदियों में जलस्तर घट रहा है। कुरुक्षेत्र में मारकंडा नदी का तटबंध टूटने से खेतों में बह रहा पानी उतर गया है। दूसरी ओर, यहां वर्षा नहीं होने से धान की रोपाई प्रभावित हो रही है।
70 प्रतिशत धान की रोपाई हो पाई है। वीरवार को 12 बजे हथनीकुंड बैराज पर यमुना नदी का जल बहाव 54 हजार 600 क्यूसेक पहुंच गया। शाम को पांच बजे 37 हजार 400 क्यूसेक पर आ गया।
सिंचाई विभाग के एसई आरएस मित्तल का कहना है कि एक लाख क्यूसेक जलबहाव पर मिनी फ्लड घोषित होती है। अभी स्थिति सामान्य है। पूर्वी व पश्चिमी यमुना नहर की आपूर्ति के बाद अतिरिक्त पानी यमुना नदी में छोड़ा जा रहा है। सोम नदी का जलबहाव 2600 क्यूसेक चल रहा है। दस हजार क्यूसेक पर खतरा मना जाता है।
35 गांवों की फसलें प्रभावित
कुरुक्षेत्र के गांव जलबेहड़ा और नैसी के पास मारकंडा नदी के तटबंध टूटने से खेतों में तबाही मचाता हुआ पानी अब आगे निकल गया है। इस पानी ने करीब 35 गांवों की फसलों को अपनी चपेट में लिया। खेत अभी भी पानी से लबालब हैं। जलबेहड़ा के कट की मरम्मत कर इसे बंद कर दिया गया है।
शाहाबाद में मारकंडा में जलस्तर घटकर 6000 क्यूसेक रह गया है। दो दिन पहले मारकंडा नदी में यही जल का स्तर 23 हजार क्यूसेक पर पहुंच गया था। गांव जलबेहड़ा और नैसी में पानी का बहाव झेल नहीं पाए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल ने मारकंडा के तटबंध का लिया जायजा लिया। घग्घर में फतेहाबाद के चांदपुरा साइफन पर 8 हजार क्यूसेक बहाव है, अभी बाढ़ का खतरा नहीं है। सरदूलगढ़ के रास्ते नदी सिरसा में प्रवेश करती है। वीरवार शाम तक 5730 क्यूसेक पानी पहुंच चुका है।
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