
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गुरुवार को मंत्रालय में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की समीक्षा बैठक ली। सीएम ने अधिकारियों से कहा, प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों, विशेष रूप से बस्तर एवं सरगुजा संभागों में नए मोबाइल टॉवर लगाने और फाइबर नेटवर्क लाइन बिछाने जैसे कार्यों में तेजी लाए। बैठक में आने वाले समय में राज्य में समय सीमा के भीतर चरणबद्ध रूप से 5,000 से अधिक मोबाइल टॉवर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
बैठक में सीएम के सचिव समेत कई वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद
सीएम ने कहा, विकसित भारत 2047 के साथ विकसित छत्तीसगढ़ 2047 के लक्ष्यों को पूरा करने में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी का महत्वपूर्ण योगदान है। इससे पारदर्शी व्यवस्था बनाने में मदद मिल रही है। बैठक में सीएम ने विभाग द्वारा संचालित प्रमुख परियोजनाओं जैसे अटल मॉनिटरिंग पोर्टल, नियद नेल्लानार, सैचुरेशन डैशबोर्ड, भारतनेट फेस-2, छत्तीसगढ़ स्टेट डाटा सेंटर, आधार एनरोलमेंट इन-हाउस मॉडल, ई-डिस्ट्रिक्ट 2.0, सीजी स्वान, ई-प्रोक्योरमेंट और कैपेसिटी बिल्डिंग की प्रगति की जानकारी ली। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभात मलिक सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
19 विभागों की 100 योजनाओं की निगरानी
बैठक में विभाग प्रमुख सचिव निहारिका बारिक ने विगत सवा साल में विभाग द्वारा अर्जित महत्वपूर्ण उपलब्धियों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया, विगत 4 वर्षों से लंबित डाटा सेंटर के अपग्रेडेशन की निविदा प्रक्रिया पूरी की गई है। खनिज 2.0 पोर्टल का गो लाइव किया गया गया है। वाई-फाई मंत्रालय योजना तथा ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल सफलतापूर्वक शुरू हो चुकी है। भारतनेट फेज-2 परियोजना का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। अटल मॉनिटरिंग पोर्टल डैशबोर्ड का निर्माण कर 19 विभागों की 100 योजनाओं की ऑनलाइन निगरानी की जा रही है।
ई-डिस्ट्रिक्ट में बढ़ेंगी ऑनलाइन सेवाएं
मुख्यमंत्री ने बताया कि ई-डिस्ट्रिक्ट 2.0 के माध्यम से वर्तमान में विभिन्न विभागों की 85 ऑनलाइन सेवाओं का विस्तार करते हुए 250 अन्य ऑफलाइन सेवाओं को भी ऑनलाइन सेवाओं में तब्दील किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि योजनाओं का लाभ लोगों को घर बैठे ही ऑनलाइन प्राप्त होगा, तो इससे समय की बचत होगी तथा कार्यालय आने-जाने में होने वाला खर्च भी कम होगा। इसके साथ ही टीयर-थ्री के अनुरूप स्टेट डाटा सेंटर को अपग्रेड किया जाएगा।
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