
लखनऊ: बहकावे में आकर धर्म परिवर्तन कर चुके एक दर्जन से अधिक लोगों को विश्व हिंदू रक्षा परिषद ने गुरुवार को हिंदू धर्म में वापस लाकर "घर वापसी" कराई। यह आयोजन लखनऊ के गोमती नगर स्थित डिगडिगा गांव के शिव भोला मंदिर में वैदिक विधि-विधान के साथ संपन्न हुआ। घर वापसी के साथ इन सभी लोगों का शुद्धिकरण संस्कार भी करवाया गया।
विश्व हिंदू रक्षा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल राय ने इस मौके पर कहा कि उत्तर प्रदेश में अब तक करीब दस हजार हिंदुओं का जबरन या लालच देकर मतांतरण कराया जा चुका है। उन्होंने कहा कि गजवा-ए-हिंद नामक कट्टरपंथी संगठन इसके पीछे सक्रिय है, जिसे विदेशों से करोड़ों रुपये की फंडिंग हो रही है।
परिषद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से धर्मांतरण के मामलों में सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि छांगुर पीर, मोहम्मद अहमद खान और अब्दुल माबूद रजा उर्फ आकिब जैसे आरोपियों के खिलाफ एसटीएफ व पुलिस केस दर्ज होने के बावजूद गिरफ्तारी नहीं हुई है, जो चिंताजनक है।
राष्ट्रीय संगठन मंत्री बाबी गुप्ता ने आरोप लगाया कि गजवा-ए-हिंद को देश-विदेश से हर साल 100 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग मिल रही है। यह धनराशि गरीबों, असहायों और हिंदू लड़कियों को निशाना बनाकर मतांतरण के लिए खर्च की जाती है।
एक पीड़ित ने पहचान गोपनीय रखते हुए बताया कि छांगुर पीर, गजवा-ए-हिंद का सक्रिय एजेंट है, जो यूपी समेत भारत के कई राज्यों में धर्म परिवर्तन के नेटवर्क को फैला रहा है। वह लोगों को पैसों का लालच देकर और हिंदू लड़कियों को मुस्लिम युवकों से शादी के लिए फुसलाकर उनका धर्मांतरण कराता है।
कमलेश तिवारी हत्याकांड के मामले में भी परिषद ने गजवा-ए-हिंद के संबंध होने की बात कही। परिषद का कहना है कि अगर एसटीएफ और पुलिस ईमानदारी से जांच करें, तो धर्मांतरण के इस पूरे रैकेट को रोका जा सकता है।
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