
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुसार प्रदेश में 30 मार्च से 30 जून 2025 तक “जलगंगा संवर्धन अभियान” चलाया जा रहा है। इस अभियान के माध्यम से प्रदेशभर के जलस्रोतों को पुनर्जीवित कर जल संवर्धन को जनआंदोलन का स्वरूप दिया गया। छिंदवाड़ा जिले के विकासखण्ड परासिया के ग्राम शालीवाडा शारदा ने इसी अभियान में भागीदारी कर वह कर दिखाया, जो वर्षों से केवल एक सपना था।
"सूखा था जो तालाब कभी, अब वो जल से भरा हुआ है, प्रयास जो मिलकर किए थे, गाँव को हरियाली से भर दिया है।"
पी.एच.ई विभाग और ग्रामवासियों के साझा प्रयासों से बदली तस्वीर- गाँव के मध्य स्थित वर्षों पुराना तालाब गंदगी, झाड़ियों और प्लास्टिक कचरे के कारण उपयोगहीन हो गया था। जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के संभाग परासिया की पहल, ग्राम पंचायत के नेतृत्व और ग्रामीणों की भागीदारी ने इस तालाब की तकदीर बदल दी है।
तकनीकी टीम ने पहले तालाब का सर्वे कर आवश्यक सुधार बिंदु तय किए इसके बाद प्राकृतिक नालों की सफाई कर वर्षा जल को तालाब की ओर मोड़ा गया। तालाब की खुदाई कर उसकी गहराई और जल संग्रहण क्षमता बढ़ाई गई। ग्रामवासियों ने भी श्रमदान कर सफाई और निर्माण में पूर्ण योगदान दिया।
जलभराव से जीवन तक असर
आज वही सूखा और गंदगी से पटा तालाब पानी से लबालब है। खेतों में सिंचाई संभव हो गई है, हैंडपंप व कुएँ रीचार्ज हो चुके हैं, और भूजल स्तर में सुधार के स्पष्ट संकेत दिख रहे हैं। गाँव में हरियाली लौट आई है और किसान प्रसन्न हैं।
"धरती माँ मुस्काई है, जब पानी ने उसकी प्यास बुझाई है।
तालाब की कोख भरी, हरियाली बनकर आशा उग आई है।"
जल गंगा संवर्धन अभियान ने केवल एक तालाब को नहीं, बल्कि एक पूरे गाँव की सोच और भविष्य को बदल दिया है। "जहाँ जल, वहाँ कल" की भावना को साकार करते हुए ग्राम शालीवाडा शारदा एक प्रेरणादायक उदाहरण बन चुका है और ग्रामीणों ने जल संरक्षण के महत्व को अच्छी तरह समझ लिया है।
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