
उज्जैन। मध्यप्रदेश के डीजीपी कैलाश मकवाना शनिवार को कालों के काल बाबा महाकाल के दरबार में अपनी धर्मपत्नी के साथ पहुंचे। उन्होंने चांदी द्वार से बाबा महाकाल के दर्शन किए और नंदी हॉल में बैठकर ध्यान लगाया। डीजीपी महाकालेश्वर मंदिर की व्यवस्थाओं से काफी संतुष्ट नजर आए।
श्री महाकालेश्वर मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि डीजीपी कैलाश मकवाना अपनी पत्नी के साथ बाबा महाकाल के दर्शन के लिए आए थे। उन्होंने महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर चांदी द्वार से प्रवेश किया और पूजन-अर्चन कर बाबा का आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके बाद उन्होंने नंदी हॉल में बैठकर ध्यान लगाया और नंदी जी के कानों में अपनी मनोकामना कही। इस दौरान पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा समेत अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे। मंदिर की ओर से वीरेंद्र शर्मा द्वारा श्री मकवाना का स्वागत और सत्कार किया गया।
कौन हैं कैलाश मकवाना?
आईपीएस कैलाश मकवाना, मध्यप्रदेश के 32वें पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हैं। वे 1988 बैच के अधिकारी हैं, उन्होंने 1 दिसंबर 2024 को डीजीपी का पद ग्रहण किया था। उनके पास कई अहम जिम्मेदारियां रही हैं, जिनमें मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के चेयरमैन का पद भी शामिल है। उनका कार्यकाल 30 नवंबर 2026 तक रहेगा। कैलाश मकवाना को एक तेजतर्रार और मेहनती अफसर माना जाता है। शिवराज सरकार के दौरान वे लोकायुक्त के डी.जी. नियुक्त हुए थे, लेकिन मात्र छह माह बाद ही उनका तबादला कर दिया गया था। इस अल्प अवधि में ही उन्होंने कई वर्षों से बंद पड़ी भ्रष्टाचार की फाइलों को दोबारा खोला और जांच को आगे बढ़ाया। महाकाल लोक कॉरिडोर के मामले में भी उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई।
कई अहम पदों पर निभाई जिम्मेदारी
मकवाना के साढ़े तीन वर्षों में सात बार स्थानांतरण हुए, जिनमें कमलनाथ सरकार के दौरान तीन बार तबादले हुए। उन्होंने एडीजी इंटेलिजेंस, एडीजी नारकोटिक्स, एडीजी सीआईडी और एडीजी प्रशासन जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वर्ष 2021 में उन्हें पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन का चेयरमैन और 2022 में लोकायुक्त का महानिदेशक बनाया गया था।
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