
नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण अक्सर चर्चा में रहते हैं। एक्टिंग के जुड़ाव होने की वजह से वह फिल्मी दुनिया पर अपनी राय खुलकर पेश करते हैं। इस बार उनके निशाने पर बॉलीवुड आ गया है। इतना ही नहीं, उन्होंने साउथ सिनेमा का जिक्र करते हुए इस बात का दावा किया कि उनकी फिल्मों में संस्कृति का प्रतिनिधित्व ज्यादा बेहतर होता है। आइए इस बारे में उनकी पूरी प्रतिक्रिया विस्तार से जानते हैं।
सिनेमा को समाज का दर्पण माना जाता है। फिल्मी दुनिया में अक्सर संस्कृति को लेकर बहस चलती है। कुछ लोगों का कहना है कि ज्यादातर फिल्में केवल मनोरंजन के लिए होती है। वहीं, उन लोगों की संख्या भी कम नहीं है, जिनका मानना है कि मूवीज में भारतीय संस्कृति को जरूर दिखाना चाहिए और हर एक कहानी का कोई मकसद जरूर हो। इस बीच पवन कल्याण ने भी सांस्कृतिक जुड़ाव के बारे में अपनी राय दी है, जो अब चर्चा में आ गई है।
बॉलीवुड फिल्मों में ये कमी महसूस करते हैं पवन कल्याण
ऑर्गनाइजर वीकली से बातचीत करते हुए पवन कल्याण ने बॉलीवुड के बारे में कहा, 'यह अभी भी वह फिल्म इंडस्ट्री है, जिसने सिनेमा को दंगल जैसी फिल्में दी हैं, लेकिन समय के साथ मेकर्स की प्राथमिकताओं में बदलाव आ गया है। अगर आपने आमिर खान की दंगल देखी है, तो समझ जाएंगे कि इसमें हमारी संस्कृति को दिखाया गया है। इस फिल्म में हरियाणा की कहानी दिखाई गई है। लेकिन आज के समय में फिल्मों का लक्ष्य पैसा कमाना बनकर रह गया। जब कोई मेकर्स पैसे के लिए फिल्म बनाना शुरू करता है, तो वह धीरे-धीरे मूल दर्शकों से जुड़ाव खो देते हैं।'
कल्याण ने साउथ सिनेमा का जिक्र करते हुए आगे कहा, 'साउथ इंडस्ट्री के निर्माताओं ने कभी भी ग्रामीण मुद्धों से जुड़ाव को नहीं खोया। चाहे जानबूझकर हो या फिर सहयोग हो। लेकिन उन्होंने हमेशा ऐसी कहानियों को बड़े पर्दे पर दिखाया, जो भारत की संस्कृति को दिखाती है और लोगों के दिलों में बस जाती है।'
पवन कल्याण का वर्कफ्रंट
पिछले साल जून की बात है, जब पवन ने आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इससे पहले उन्होंने कुछ फिल्मों को साइन किया था और इन दिनों वह उन प्रोजेक्ट पर काम करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। फैंस तो उनकी अपकमिंग मूवीज को लेकर काफी एक्साइटेड हैं।
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