
ग्वालियर। ग्वालियर में पुलिस ने एक पीड़ित युवक की मदद से एक ऐसे शख्स को दबोच लिया अपने को फर्जी सीबीआई अधिकारी बताकर लोगों को ठगने का काम कर्ता था। वह लोगों को झांसे में लेने के लिए बताता था कि वह सीबीआई में ऑफिसर है और वर्तमान में प्रतिनियुक्ति पर गृह मंत्रालय में पदस्थ है। इसकी कार पर मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष की नेम प्लेट भी लगी थी। आरोपी मंत्रालय में बड़े-बड़े काम करवाने के नाम पर लोगों से ठगी करता था। बताया गया कि कुछ समय पहले ही इस फर्जी अफसर ने ग्वालियर निवासी एक युवक को फूड इंस्पेक्टर की नौकरी दिलाने के नाम पर उससे 9 लाख रुपये ठग लिए थे। उसे भरोसा दिलाने के लिए उसे भोपाल ले जाकर एक फर्जी नियुक्ति पत्र भी थमा दिया था। युवक को न नौकरी मिली और न ही उसके रुपये वापस मिले। शहर के एक मॉल में आरोपी को ठगी के शिकार युवक ने पकड़ा और पुलिस को सूचना दी। जनकगंज थाना पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर मामला दर्ज कर लिया है।
दरअसल नई सड़क उदाजी की पायगा निवासी अमित पुत्र नरोत्तम सिंह रावत के साथ ठगी की घटना हुई थी। अमित ने पुलिस को बताया कि बहन की शादी के लिए मेट्रोमोनियल वेबसाइट के माध्यम से उसकी एक युवक से जान पहचान हुई थी। युवक ने बताया था कि उसका नाम मोहित शेखावत है। वह सीबीआई में अधिकारी है और उसकी कई विभागों में अच्छी खासे सम्पर्क हैं। वह चाहे तो उसकी नौकरी आसानी से लगवा देगा। अमित उसके झांसे में आ गया। मोहित ने अमित को फूड इंस्पेक्टर बनवाने का लालच दिया और उससे में 9 लाख रुपये मांगे। अमित ने अपने रिश्तेदारों की मदद से जैसे तैसे रुपये जुटाकर दे दिए। इसके बाद वह उसे अपने साथ लेकर भोपाल गया। वहां उसे एक फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिलवा दिया। नियुक्ति पत्र देने से पहले उसने एक कार भी फाइनेंस करवा ली, लेकिन इसके बाद अमित को नौकरी नहीं मिली। इसके बाद उसने बार-बार अपने रुपये वापस मांगे वो उसे नहीं मिले।पुलिस ने बताया कि आरोपी मोहित ग्वालियर के फूलबाग पर स्थित एक मॉल में घूम रहा था। तभी अमित को इसकी भनक लग गई। इसके बाद अमित अपने कुछ दोस्तों के साथ वहां पहुंचा और मॉल में उसे दबोच लिया और पुलिस को सूचना दी। जनकगंज थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी से जब पूछताछ की गई तो जो युवक अपनी पहचान मोहित शेखावत बताई। वह असल में भिंड के गोहद निवासी मनोज श्रीवास निकला। आरोपी की कार से पुलिस को फर्जी नंबर प्लेट और नेम प्लेट भी मिली है। आरोपी की कार पर मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष लिखा हुआ था। इसके अलावा सीबीआई की नेम प्लेट सहित अन्य कई नेम प्लेट मिली हैं। इनके संबंध में पुलिस पूछताछ कर रही है।
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